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बिहार के 'यमराज' को अपनी जिंदगी के लिए मदद की जरूरत, कभी दूसरों की जिंदगी बचाने की देते थे टिप्‍स

यातायात के नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने वाले गोपालगंज के अनुराग दुबे को आज मदद की जरूरत है। दूसरों को जिंदगी बचाने के लिए अहम संदेश देने वाले अनुराग की कलाकारी के सभी मुरीद थे। लेकिन आज वह बीमार हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 04:32 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 04:32 PM (IST)
बिहार के 'यमराज' को अपनी जिंदगी के लिए मदद की जरूरत, कभी दूसरों की जिंदगी बचाने की देते थे टिप्‍स
अस्‍पताल में भर्ती अनुराग और यमराज का वेश। जागरण

गोपालगंज, जागरण संवाददाता। गोपालगंज शहर के हजियापुर गांव निवासी प्रमोद दुबे के पुत्र अनुराग दुबे कभी काल यानी यमराज का वेश धरकर लोगों को यातायात नियमों के प्रति अलर्ट करते थे। हेलमेट पहनने, सीट बेल्‍ट लगाने समेत सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करते थे, ताकि किसी की अनमोल जिंदगी असमय खत्‍म नहीं हो। लेकिन आज अनुराग को अपनी जिंदगी के लिए मदद की जरूरत है। एक हादसे में गंभीर रूप से जख्‍मी अनुराग का इलाज बहुत महंगा है। परिवार के पास इतना सामर्थ्‍य नहीं। हालांकि, अनुराग की मदद को कई हाथ उठे हैं। इंटरनेट मीडिया पर पोस्‍ट कर युवा उनकी मदद को मुहिम चला रहे हैं।  

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बंगलुरू में कार की चपेट में आए थे अनुराग 

बताया जाता है कि अनुराग दुबे करीब दो साल पूर्व बंगलुरु में सड़क पार करने के दौरान कार की चपेट में आ गए थे। इसमें वे गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए थे। पिता प्रमोद दुबे ने बेटे का इलाज करा कर उन्हें स्वस्थ कर दिया। इसके बाद वे घर आ गए। लेकिन हादसे की वजह से अनुराग के स्‍पाइन में लगे गंभीर चोट ने करीब 18 महीने बाद असर दिखाना शुरू कर दिया। उनकी तबीयत और बिगड़ गई। इसके बाद आनन फानन में उनकी मां ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन पिता के घर नहीं होने के कारण उनकी तबीयत खराब होती चली गई। इस बीच परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण उनका बेहतर इलाज भी नहीं हो पा रहा था। इस दौरान उन्हें बेडसोर हो गया। 

बहन और दोस्‍त चला रहे कैंपेन

अनुराग की तबि‍यत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद अनुराग दुबे की बहन बहन सृष्टि कुमारी व दोस्त सनी सिंह विकास, अनीस कुमार सहित अन्य दोस्तों ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर आम लोगों से मदद की गुहार लगाई। मानवता को मोल देने वाले लोगों ने मदद देना शुरू किया। इसके बाद अनुराग को उनकी मां गोरखपुर लेकर गईं। वहां उनका इलाज कराया जा रहा है। 


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