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बिहार में कोरोना से टूटती सांसों के बीच ऑक्सीजन मैन बना एक युवक, अबतक 500 की बचा चुका है जान

कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में कुछ लोग इंसानियत के लिए मिसाल बनकर लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे ही हैं नालंदा के बारादरी निवासी मो.शाहनवा। जो लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST)
बिहार में कोरोना से टूटती सांसों के बीच ऑक्सीजन मैन बना एक युवक, अबतक 500 की बचा चुका है जान
नालंदा के बारादरी निवासी मो. शाहनवाज। दैनिक जागरण।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: देश भर में कोरोना का कहर जारी है। कई राज्यों में कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति है। कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में हर जगह अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी हो रही है। जिसकी वजह से बहुत से मरीजों को सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से उनकी जान भी जा रही है। वहीं, कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में कुछ लोग इंसानियत के लिए मिसाल बनकर लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे ही हैं, स्थानीय बारादरी निवासी मो.शाहनवाज। जो लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं। शाहनवाज को ऑक्सीजन मैन के तौर पर जाना जाने लगा है।

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हर लहर में आ रहे काम

पिछलीबार कोरोना की लहर से लेकर इस लहर तक उन्होंने 500 लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन मुहैया कराई। इतना ही नहीं समाजसेवी संस्था अलमीर फाउंडेशन को भी सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया ताकि सेवा का कारवां न रुक सके। इस बार भी वह लोगों की जान बचाने की अपनी मुहिम में जुटे हैं। उनके साथ काफी लोग इस मुहिम में जुड़कर उनकी मदद कर रहे है जिसमें समाजसेवी जफर अली खान उर्फ रूमी भी शामिल है। 

12 बजे रात में मदद के लिए तैयार रहते हैं शाहनवाज

शाहनवाज ने बताया कि वह मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं। बिना संकोच लोग मेरे पास आएं। बस एक निवेदन कि ऑक्सीजन स्टोर न करें, जरूरतमंदों तक पहुंचाए। शाहनवाज कहते हैं कि अगर कोई समस्या हो तो मुझे मेरे नंबर 7324875306 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

नाउम्मीदी के बीच रोशनी हैं शाहनवाज

खानकाह निवासी मो.अमजद ने बताया कि उनकी मां की तबीयत अचानक 12 बजे रात में खराब हो गई। ऑक्सीजन लेवल घटने लगा। कोरोना के डर से निजी क्लीनिक ने भर्ती लेने से मना कर दिया। रात में 12 बजे अलमीर फाउंडेशन को कॉल किया। पता चला कि मो.शाहनवाज ने रात में दुकान खोलकर ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करवाकर भिजवा दिया। इसी तरह अविनाश गिरी व मो. शाद को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो इन्होंने ऑक्सीजन मुहैया कराई।


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