Bengal Election का बिहार की शराबंदी पर यह असर, अब शराब तस्करों का 'सेफ जोन' बना झारखंड
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का असर बिहार में शराब तस्करी पर भी पड़ा है। चुनाव के कारण वहां मुश्किल होने पर अब झारखंड शराब तस्करों का सेफ जोन बन गया है। क्या है मामला आइए डालते हैं नजर।
पटना, स्टेट ब्यूरो। पिछले दो महीने में पंजाब, हरियाणा के बड़े शराब तस्करों की गिरफ्तारी के बाद बिहार में अवैध शराब आपूर्ति में कमी तो आई है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पश्चिम बंगाल में भी सख्ती है। इसे देखते हुए शराब तस्कर अब नया नेटवर्क तैयार करने में जुटे हैं। बिहार से सटे झारखंड के कोडरमा जैसे शहर उनके नए ठिकाने बन रहे हैं। इल दिनों हाेली को लेकर उनकी सक्रियता बढ़ी हुई है।
शराब तस्करी की पुराना नेटवर्क प्रभावित
पिछले साल तक बिहार में सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा की शराब की अवैध आपूर्ति होती थी, मगर फरवरी में पहले पानीपत से अजीत सिंह जित्ता और फिर मोहाली से पुष्पिंदर सिंह धारीवाल की गिरफ्तारी के बाद पुराना नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने बिहार में इनके लोकल डीलरों को भी पकड़ा। मद्य निषेध विभाग व पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अब पंजाब-हरियाणा के यह शराब तस्कर झारखंड में शरण लेकर बिहार में शराब आपूर्ति का नेटवर्क बना रहे हैं।
बंगाल में सख्ती के बाद झारखंड बना ठिकाना
बंगाल में विधानसभा चुनाव के कारण वहां इन दिनों भी सख्ती है। ऐसे में शराब तस्कर झारखंड को सेफ जोन मानकर चल रहे हैं। इसी माह बड़े शराब तस्कर सुरमुख सिंह धारीवाल को पुलिस ने पंजाब के ही एक अन्य साथी के साथ कोडरमा से पकड़ा है। उसने भी पूछताछ में यह बात मानी कि झारखंड में रहकर वह बिहार में अवैध शराब की आपूर्ति कर रहा था। पुलिस की एक टीम झारखंड के कोडरमा आदि शहरों पर लगातार नजर रख रही है। जल्द ही यहां से एक-दो और बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है।
गया, जहानाबाद और नवादा के बॉर्डर पर सख्ती
मद्य निषेध विभाग भी शराब आपूर्ति के इस बदले ट्रेंड को लेकर अलर्ट है। झारखंड से लगने वाले इलाके गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद जैसे चेक पोस्ट पर सख्ती बढ़ा दी गई है। गया के डोभी, नवादा के रजौली और कैमूर के चेकपोस्ट की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा रही है। सभी चेकपोस्ट पर एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर व 10 सिपाहियों की टीम है, जो तीन शिफ्ट में 24 घंटे ट्रकों की आवाजाही पर नजर रख रही है।