विधानमंडल का शीतकालीन सत्र : भ्रष्टाचार और घोटाले पर जमकर भिड़े पक्ष-विपक्ष
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। सदन के भीतर पूर्व उपमुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के बीच तीखी बहस हुई।
पटना [जेएनएन]। बिहार की विधि-व्यवस्था, भ्रष्टाचार एवं घोटाले के मुद्दे पर विपक्ष ने बुधवार को भी विधानसभा में भारी हंगामा किया। राजद सदस्यों ने वेल में आकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच दूसरे दिन भी तकरार हुई। तेजस्वी के सवाल पर चारा एवं अलकतरा घोटाले का उल्लेख करते हुए सुमो ने कहा कि भ्रष्टाचारी अगर पाताल में भी होंगे तो उन्हें सरकार ढूंढ निकालेगी और कड़ी सजा देगी। दोषियों को बचाने का सवाल नहीं उठता। इसपर राजद विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर राजद विधायक कार्यस्थगन प्रस्ताव की मांग करने लगे, जिसे स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने नियमों का हवाला देकर अमान्य कर दिया। हालांकि कार्यस्थगन पर तेजस्वी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। अल्पसूचित प्रश्न के दौरान भी तेजस्वी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
राजद विधायक ललित यादव ने नवादा जिले में मुख्यमंत्री निश्चय योजना में करोड़ों रुपये की अवैध निकासी का मामला उठाया था। उन्होंने इसे सृजन की तरह का मामला बताया और सरकार से सभी जिलों में जांच कराने की मांग की।
ललित के सवाल को आगे बढ़ाते हुए तेजस्वी ने कहा कि ऐसे घोटाले प्रतिदिन उजागर हो रहे हैं, किंतु सवाल है कि दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? सरकार कहती है कि डबल इंजन लग गया है। विकास तेजी से होगा, किंतु हकीकत में ऐसा दिखता नहीं। लग रहा कि डबल इंजन विकास के लिए नहीं, बल्कि घोटाले के लिए लगा है।
तेजस्वी ने तल्ख तेवर में कहा कि किसी के बाप का पैसा नहीं है कि कोई घोटाला करके चला जाएगा। जनता के एक-एक पैसे का हिसाब देना होगा। तेजस्वी के तेवर पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी आपत्ति जताई।
विधि व्यवस्था के मुद्दे पर राजद के ललित यादव, कांग्र्रेस के रामदेव राय एवं विजय शंकर दुबे कार्यस्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे थे, जिसे स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर अमान्य कर दिया। पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि राजद को विधि व्यवस्था पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। राजद के शासन में बिहार तबाह-बरबाद हो गया था। अपराधियों का राज कायम किया था।