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पटना के इन थानों में पुलिस की नाक के नीचे होते सर्वाधिक अपराध, जानिए कैसे

राज्य के कुल 1074 में से 341 थाने ऐसे हैं जो अपराध से प्रभावित हैं। इन थानों में पुलिस की नाक के नीचे अपराध होते हैं और इन थानों की पुलिस अपराध रोकने में नाकाम है। जानिए.....

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 10:04 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 10:04 AM (IST)
पटना के इन थानों में पुलिस की नाक के नीचे होते सर्वाधिक अपराध, जानिए कैसे
पटना के इन थानों में पुलिस की नाक के नीचे होते सर्वाधिक अपराध, जानिए कैसे

जागरण टीम, पटना। जिले की पुलिस बिहटा में क्राइम कंट्रोल का दावा करती रही, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने ही इसे नकार दिया। वर्ष 2017 के आपराधिक मामलों की समीक्षा में साफ हो गया कि थानेदार से यह थाना संभल नहीं रहा।

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सूबे के 1075 थानों में सहरसा सदर थाना आपराधिक मामले दर्ज करने में सबसे आगे रहा तो बिहटा थाना भी ज्यादा पीछे नहीं रहा। इसका नाम चौथे स्थान पर और कंकड़बाग थाना पांचवें स्थान पर है। बिहटा में एक साल में 1123 आपराधिक मामले दर्ज हुए।  कंकड़बाग थाने में यह आंकड़ा एक हजार पार गया। 

दरअसल, पिछले दिनों राज्य पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी थानों में आपराधिक मामलों की जांच और विधि-व्यवस्था के संधारण के लिए  पुलिस पदाधिकारियों की टीमें गठित करने से पहले थानों में दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों की समीक्षा की।

समीक्षा में पाया गया कि राज्य के कुल 1074 में से 341 थाने ऐसे हैं जो अपराध से प्रभावित हैं। जाहिर है, इन थानों में आपराधिक मामलों की जांच से जुड़े अधिकारियों (अनुसंधान पदाधिकारियों) की जरूरत है। बिहार पुलिस अधिनियम, 2007 में प्रावधान किया गया है कि अपराध प्रभावित थानों में विशेष अपराध जांच इकाइयों का गठन किया जाए।

इसमें आपराधिक मामलों की जांच करने वाले पदाधिकारियों को थाने के अन्य कार्यों से अलग रखा जाए ताकि समयबद्ध तरीके से आपराधिक मामलों की जांच हो सके। ऐसे जांच पदाधिकारियों का चयन क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक के स्तर से किया जाए। समीक्षा में यह भी तय किया गया कि गया कि थानों में दर्ज होने वाले कांडों में एक तिहाई कांड ही संज्ञेय व अति गंभीर प्रकृति के होते हैं। 

341 अपराधग्रस्त थाने चिह्नित 

पुलिस मुख्यालय ने समीक्षा के दौरान साल में 250 व उससे अधिक आपराधिक मामले दर्ज करने वाले थानों को अपराधग्रस्त थानों की सूची में शामिल किया है। ऐसे थानों में तैनात जांच पदाधिकारियों को उनके अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पूरे साल में कम से कम दस अति गंभीर आपराधिक मामलों की जांच करनी होगी।

पुलिस मुख्यालय ने अतिगंभीर आपराधिक मामलों को भी चिह्नित किया है। इसमें अपहरण, दुष्कर्म, डकैती, लूट, दहेज संबंधी अपराध, धोखाधड़ी, दुर्विनियोग और आर्थिक अपराध शामिल किए गए हैं।

राज्य में सर्वाधिक आपराधिक कांड दर्ज करने वाले थाने

क्रम        थाना          वर्ष 2017 में दर्ज आपराधिक मामले

1.       सहरसा सदर                        1367

2.       सीतामढ़ी                              1128

3.       अहियापुर (मुजफ्फरपुर)             1127

4.        बिहटा                                1123

5.        कंकड़बाग                           1038


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