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नेपाल से सटे ये आठ जिले हैं ड्रग्स के हॉट स्पॉट, तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए चलेगा विशेष अभियान

Anti Drug Campaign ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसका मुख्य एजेंडा नेपाल के अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले मादक पदार्थ और नशीली दवाओं की तस्करी रोकना हॉट स्पॉट चिह्नित करना और सूचना पर विभिन्न एजेंसियों की मदद से संयुक्त छापेमारी करना रहा।

By Edited By: Mohammad SameerPublished: Tue, 06 Jun 2023 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jun 2023 10:32 PM (IST)
ईओयू को ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई में मदद करेंगी एनसीबी, सीआरपीएफ और एसएसबी जैसी सुरक्षा एजेंसियां।

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य में अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) समेत कई एजेंसियों की मदद लेगी।

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हॉट स्पॉट चिन्हित

मादक द्रव्यों की आपूर्ति रोकने के लिए राज्य भर में इसके हॉट स्पॉट भी चिह्नित किए गए हैं, जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। इनमें नेपाल से सटे आठ जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं।

इसके अलावा पटना जिले के फतुहा नदी थाना अंतर्गत जेठुली, भोजपुर के उदवंतनगर थाना अंतर्गत मसाढ़ गांव और आसपास के इलाके और वैशाली के राघोपुर क्षेत्र को भी हाट स्पाट के रूप में चिह्नित किया गया है। यह ऐसे इलाके हैं, जो मादक द्रव्यों और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए कुख्यात हैं।

मादक द्रव्यों की तस्करी पर रोक के लिए मंगलवार को इंटेलिजेंस शेयरिंग की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने की। इसका मुख्य एजेंडा नेपाल के अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले मादक पदार्थ और नशीली दवाओं की तस्करी रोकना, हॉट स्पॉट चिह्नित करना और सूचना पर विभिन्न एजेंसियों की मदद से संयुक्त छापेमारी करना आदि रहा।

इसके अलावा नशामुक्ति को लेकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया।

एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा- 

नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र और हॉट स्पॉट इलाकों में विशेष कार्रवाई की आवश्यकता है, इसमें सभी एजेंसियों में आपसी तालमेल और समन्वय होना चाहिए। पुराने कांडों की समीक्षा कर अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया। नष्ट करने के बाद संबंधित इलाके में दोबारा अफीम की खेती न हो, इसके लिए भी प्रभावी कार्रवाई करने को कहा गया।

छह साल में 6073 अभियुक्त गिरफ्तार

ईओयू की ओर से अब तक की कार्रवई का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच राज्य में 6073 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें सर्वाधिक 2031 अभियुक्त पिछले साल गिरफ्तार हुए थे।

बिहार पुलिस द्वारा वर्ष 2022 में 16 हजार 691 किग्रा गांजा, 179 किग्रा चरस, 6.35 किग्रा हेरोइन, 7.61 किग्रा स्मैक, 85 किग्रा ब्राउन शुगर और 6728 किग्रा डोडा एवं अन्य मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में 620 जबकि 2022-23 में 1289 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।

ड्रग कंट्रोलर घनश्याम भगत ने बताया कि समय-समय पर दवा दुकानों और एजेंसियों का निरीक्षण भी किया जाता है। हाल ही में कई दुकानों का लाइसेंस निरस्त किया गया है।

बैठक में एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक मनीष कुमार, सीआरपीएफ के डीआइजी एसपी उपाध्याय, कमांडेंड नरेश कुमार जायसवाल, पटना के रेल एसपी एसएस ठाकुर, एसएसबी के डिप्टी कामंडेंट सत्येंद्र कुमार, विशेष शाखा के एसपी अभय कुमार लाल, एसआइबी के सहायक निदेशक कुमुद कुमार एवं सुभाष चंद्रा एवं समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि आदि उपिस्थत थे। धन्यवाद ज्ञापन ईओयू के एसपी सुशील कुमार ने किया।


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