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'सत्ता में बैठे लोग देश का इतिहास बदल देंगे', केंद्र सरकार पर भड़के CM नीतीश; बोले- नए संसद की जरूरत क्या थी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि नीति आयोग की बैठक और नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था। सत्ता में बैठे लोग आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे। मुझे बहुत बुरा लग रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharySat, 27 May 2023 11:13 AM (IST)
'सत्ता में बैठे लोग देश का इतिहास बदल देंगे', केंद्र सरकार पर भड़के CM नीतीश; बोले- नए संसद की जरूरत क्या थी
'सत्ता में बैठे लोग इतिहास बदल देंगे', केंद्र सरकार पर भड़के नीतीश कुमार; बोले- नए संसद की क्या जरूरत थी

पटना, एजेंसी। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से भी दूरी बना ली है। शनिवार को नीतीश कुमार ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे। मुझे बहुत बुरा लग रहा है।

सीएम नीतीश (Nitish Kumar) ने कहा कि नीति आयोग की बैठक और नए संसद भवन के उद्घाटन (Inauguration of New Parliament) में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था। नए संसद की क्या जरूरत थी। मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे। 

बता दें कि शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की शासी निकाय की बैठक है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) करेंगे। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होना है। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में शामिल नहीं होंगे।

उन्होंने पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है। चर्चा है कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के बदले वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) को बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया है।

नए संसद पर राजनीति तेज

उल्लेखनीय है कि 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।केंद्र की सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत नए संसद भवन का निर्माण किया गया है। हालांकि, इसको लेकर देशभर में राजनीति तेज है।

कांग्रेस सहित 19 पार्टियों का बायकॉट

जदयू, राजद, कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने नए संसद के उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने का फैसला लिया है। विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से होना चाहिए।