घर में बिखरेगी पकवान की खूशबू, सोशल मीडिया पर बधाइयां
लॉकडाउन ने ईद मनाने के तरीके पर भले असर डाला है लेकिन लोगों का उत्साह इससे काफी हद तक बेअसर है
पटना। लॉकडाउन ने ईद मनाने के तरीके पर भले असर डाला है, लेकिन लोगों का उत्साह इससे काफी हद तक बेअसर है। ईद के ठीक पहले ट्रेनें शुरू हो जाने से बहुत से लोग अपने परिवार तक पहुंच सके हैं। वहीं बाजार खुलने से पर्व की खरीदारी भी थोड़ी कमजोर ही सही, हो गई है। कम समय में कपड़ों की सिलाई संभव नहीं थी तो अधिकतर परिवारों ने रेडीमेड कपड़े खरीद लिये हैं। बहुत से परिवारों ने इस बार केवल बच्चों के लिए कपड़े खरीदे तो कई जगह पुराने कपड़े को ही चमकाने की तैयारी है। बहुत से स्वजन इस बार घर नहीं आ पाए तो बच्चों को पेटीएम और गूगल पे के जरिये ईदी मिलने की उम्मीद है। चिकेन का कुर्ता और लखनऊ कुर्ता नहीं ले पाए इस बार :
गांधी मैदान के रहने वाले बशार का कहना है कि इस ईद उन्हें बहुत मन था कि लखनऊ लुक वाला कुर्ता पहनें, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। बेउर इलाके में रहने वाले अब्दुल का कहना है कि बाजार खुलते ही उन्होंने ईद के लिए कपड़े खरीद लिये, यह अलग बात है कि मन लायक खरीदारी नहीं हो सकी। सब्जी बाग की रहने वाली निदा का कहना है कि वो हर बार सब्जी बाग की शीर चाय का स्वाद लेती थी, लेकिन इस बार ये भी संभव नहीं हो पाया और ना ही बाजार ठीक से खुले कि ईद की शॉपिग कर पातीं। पिछले साल से ही प्लानिंग थी इस बार ईद में चिकेन वर्क वाला कुर्ता पहनने की, लेकिन ये हसरत भी अधूरी रह गई। बोरिग रोड की रहने वाली अनम का कहना है कि ईद इस बार पुराने कपड़ों के साथ ही मनेगी। घर में बहुत उत्साह का माहौल है। मां ने सारी तैयारियां कर ली हैं। सेवई से लेकर हर चीज बन रही है। लॉकडाउन की ईद की यादगार बनाने की कोशिश चल रही है।
- बुशरा नये कपड़े तो नहीं ले पाई। मां ने घर में ही दो पुराने दुपट्टे को जोड़कर एक नया तरीके का दुपट्टा बना दिया है, जो देखने में बहुत अच्छा लग रहा है। इस ईद का जुगाड़ वाला कपड़ा याद रहेगा
- सदफ इस बार ईद में स्वजनों से मिल नहीं पाएंगे और ना ही ईदी मिल पाएगी। इस बार वीडियो कॉल के जरिये ईद की खुशियां एक-दूसरे से बांटेंगे।
- आदिल