कुरीतियों को समाप्त करना प्रबुद्ध समाज का उद्देश्य
प्रबुद्ध हिदू समाज का उद्देश्य समाज से छुआछूत और सभी कुरीतियों और विद्वेष को मिटाना है
पटना। प्रबुद्ध हिदू समाज का उद्देश्य समाज से छुआछूत और सभी कुरीतियों और विद्वेष को मिटाना है। मनुष्यता मूलक विश्व मानव समुदाय का निर्माण करना है। भारतीय वैदिक संस्कृति का यही स्वर है। ये बातें रविवार को पटेल नगर स्थित देव पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रबुद्ध हिदू समाज के 28वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर अतिथियों ने कहीं। वरिष्ठ साहित्यकार और विद्वान समालोचक डॉ. अवध बिहारी जिज्ञासु ने कहा कि भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाला और भारत में रहने वाला हर एक व्यक्ति हिदू है। यह कोई संप्रदाय नहीं बल्कि एक आदर्श, मानवीय विचार और दर्शन है। इस दर्शन में हिसा और भेदभाव के लिए किसी भी प्रकार का कोई स्थान नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि युद्ध, युद्ध की आशंका, सुरक्षा और सैन्य व्यवस्था पर विश्व की जो राशि खर्च होती है उसे बचाया जाए तो निखिल विश्व में एक भी मनुष्य भूख से नहीं मरेगा। यदि समय रहते विश्व समुदाय को सचेत नहीं कर सके तो पृथ्वी पर मानव जाति खतरे में पड़ सकती है। संस्था के महामंत्री आचार्य पांचू राम ने वार्षिक प्रतिवेदन पेश करते हुए कहा कि प्रबुद्ध हिदू समाज की राहें कठिन एवं श्रम-साध्य हैं। इस चुनौती को पार करने के लिए अनुशासन जरूरी है। मौके पर कवि योगेंद्र प्रसाद मिश्र, डॉ. मनोज गोवर्द्धनपुरी, डॉ. दिनेश कुमार देव, नवीन कुमार सिन्हा, अमित कुमार सिंह आदि ने अपने विचार दिए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। वही अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया।