पटना में दवा फैक्ट्री के मालिक से मांगी 50 लाख की रंगदारी, नहीं मिली तो गार्ड की हत्या
पटना के खुसरूपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक दवा फैक्ट्री के निर्माणाधीन भवन में तैनात सुरक्षाकर्मी की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पटना/खुसरूपुर। जिले के खुसरूपुर थाना क्षेत्र के शेख महम्मदपुर गांव के समीप पटना-बख्तियारपुर फोरलेन के किनारे निर्माणाधीन दवा फैक्ट्री पर अपराधियों ने हमला कर दिया। बोलेरो से आए अपराधियों ने वहां तैनात गार्ड को गोलियों से छलनी कर दिया। लिहाजा मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसके शरीर पर पांच जगह गोलियों से हुए जख्म के निशान मिले हैं। मामला 50 लाख रंगदारी मांगने से जुड़ा बताया जा रहा है।
गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला इलाका
गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल उठा। इस दौरान गांव वाले डर से घरों में दुबक गए। कुछ देर बाद जब गोलियों की आवाज बंद हुई तो लोग डरते-सहमते निर्माणाधीन दवा फैक्ट्री की तरफ गए। वहां फैक्ट्री का गार्ड खून से लथपथ पड़ा था। यह सूचना मिलते ही आसपास के लोगों की भीड़ वहां जमा हो गयी।
जान बचाकर भागा दूसरा गार्ड
मृतक गार्ड की पहचान नालंदा जिले के कल्याणबीघा के सिरसी बराह निवासी स्वर्गीय रामवृक्ष यादव के पुत्र अवधेश प्रसाद (उम्र 45 वर्ष) के रूप में हुई है। वहीं घटनास्थल से जान बचाकर भाग निकले दूसरे गार्ड का नाम बबलू यादव है। वह खुसरूपुर के नया टोला का रहने वाला है। मृतक अवधेश पिछले दो सालों से यहां गार्ड की नौकरी कर रहा था, जबकि बबलू आठ माह पहले ही यहां तैनात हुआ था।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। बाद में ग्रामीण एसपी संजय कुमार भी मामले की जांच करने पहुंचे। बताया जाता है कि सुबह करीब साढ़े तीन बजे सफेद रंग की एक बोलेरो से हथियारबंद अपराधियों की टोली फैक्ट्री पर पहुंची। अपराधियों ने धोखे से दरवाजा खुलवाया। जैसे ही गार्ड अवधेश गेट खोलकर बाहर निकला, उस पर सामने से गोलियों की बौछार शुरू हो गई। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर गया और दम तोड़ दिया। अपराधी जब आश्वस्त हो गए कि उसकी मौत हो गई है, तो वे लोग वहां से फरार हो गए।
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए रोड जाम
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए मृतक के परिजनों और आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को पटना-बख्तियारपुर फोरलेन पर रख जाम कर दिया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को समझा- बुझाकर सड़क से हटाया, तब जाकर यातायात शुरू हुआ। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
मार्च महीने में भी फैक्ट्री पर हुई थी फायरिंग
मौके पर पहुंचे दवा फैक्ट्री के मालिक शंभू शरण ने कहा कि इससे पहले भी मार्च महीने में अपराधियों ने फैक्ट्री पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। जबसे निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है, इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। उनके मुताबिक मामले को लेकर वरीय पदाधिकारियों को लिखित आवेदन भी दिया गया, पर कोई ठोस कार्रवाई आज तक नहीं हुई। समय पर पुलिस कार्रवाई करती तो गार्ड की मौत नहीं होती। उन्होंने कहा कि इलाके में जितने उद्यमियों ने फैक्ट्री लगाई है, सब परेशान हैं। सुरक्षा के नाम पर एक अदद चौकीदार भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यहां काम करना मुश्किल है। इस बावत थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
अपराधियों की गिरफ्तारी को बनाई गई एसआइटी
ग्रामीण एसपी संजय कुमार ने कहा कि जांच के दौरान हत्या के पीछे इलाके के कुख्यात टुनटुन गोप का हाथ होने की बात सामने आई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए फतुहा एएसपी मनीष कुमार के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। एसपी की मानें तो घटना के पीछे रंगदारी के अलावा इलाके में पप्पू गोप और टुनटुन गोप के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी एक वजह हो सकती है। जिस गार्ड की हत्या हुई है, वह पप्पू गोप का रिश्तेदार है। डेढ़-दो महीने पहले इसी जगह पर फैक्ट्री का काम रुकवाने को लेकर गोलीबारी की घटना हुई थी। इसमें पुलिस ने नागेंद्र राय को गिरफ्तार किया था। वह टुनटुन गोप का आदमी है।
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