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जान बचाने का एकमात्र विकल्पः कोरोना रोगियों के लिए चाहिए 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप का प्लाज्मा

कोरोना मरीजों का इलाज कोविड-19 को मात दे चुके लोगों का प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन है। ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा से एंटीबॉडी विकसित हो जाता है और रोगी कोरोना को मात दे सकता है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 08:35 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 08:35 AM (IST)
जान बचाने का एकमात्र विकल्पः कोरोना रोगियों के लिए चाहिए 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप का प्लाज्मा

पटना, जेएनएन। कोविड-19 के रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में गंभीर रोगियों की जान बचाने का एकमात्र विकल्प कोविड-19 को मात दे चुके लोगों का प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन ही है, क्योंकि ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा से एंटीबॉडी विकसित हो जाता है और रोगी कोरोना को मात दे सकता है। हालांकि, कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोग अन्य गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

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प्लाज्मा थेरेपी से चल रहा इलाज का परीक्षण

एम्स पटना में अबतक सिर्फ 'ए पॉजिटिव' ग्रुप के ही एक कोरोना विजेता ने प्लाज्मा डोनेट किया है। इसके विपरीत पटना एम्स में 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप के एक कोरोना मरीज की हालत गंभीर है। चिकित्सक प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन कर उसकी जान बचाना चाहते हैं, लेकिन अब तक प्लाज्मा नहीं मिल सका है। बताते चलें कि भारतीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान परिषद से अनुमति के बाद गत 18 मई से एम्स में प्लाज्मा थेरेपी से गंभीर रोगियों के इलाज का परीक्षण चल रहा है।

एम्स पटना की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नेहा सिंह ने बताया कि 14 दिन पूर्व कोरोना मुक्त हो चुके 18 वर्ष से ऊपर के जिस भी व्यक्ति का 'ओ पॉजिटिव' ब्लड ग्रुप हो वह पटना एम्स के ब्लड बैंक (मोबाइल नंबर-993028936, 9599274710) से संपर्क कर सकते हैं। 

शरीर से खून नहीं सिर्फ प्लाज्मा  निकाला जाएगा

एम्स ब्लड बैंक में शरीर से खून की बजाय एफ्रेसिस मशीन से प्लाज्मा निकाला जाएगा। इसके अलावा डोनर को किराये के तौर पर पांच सौ रुपये भी मिलेंगे। कोरोना मुक्तहो चुके सिर्फ उन्हीं लोगों का प्लाज्मा लिया जाएगा, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव और एंटीबॉडी टाइटर 1000 से अधिक होगा।

बीएमपी कमांडेंट से बात करेंगी ब्लड बैंक प्रभारी

बीएमपी-14 के 41 जवान कोविड-19 को हरा चुके हैं। एम्स पटना की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नेहा ने इन जवानों से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उच्चाधिकारी ने बाहर जाने से मना किया है कहते हुए उन्होंने मजबूरी बताई। अब ब्लड बैंक प्रभारी बीएमपी-14 की कमांडेंट से इस बाबत बात करेंगी।


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