महागठबंधन में खुलकर हो रही प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल, 'हम किसी से कम नहीं'
भाजपा से लडऩे से पहले महागठबंधन के दल एक-दूसरे पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। प्रेशर पॉलिटिक्स का यह खेल खुल कर हो रहा है। पढ़ें खबर में कैसे-कैसे खेल कहां-कहां चल रहे हैं
पटना, राज्य ब्यूरो। भाजपा से लडऩे से पहले महागठबंधन के दल एक-दूसरे पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। प्रेशर पॉलिटिक्स का यह खेल खुल कर हो रहा है। शुरुआत सांसद पप्पू यादव ने की। अब राजद और कांग्रेस भी इसमें शामिल हो गए हैं। महागठबंधन में शामिल दल 'हम किसी से कम नहीं' वाली सियासत कर रहे हैं।
काराकाट पर कौकब कादरी का दावा
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने काराकाट की सीट पर दावा ठोक कर दबाव की राजनीति को चरम पर पहुंचा दिया है। नया मोर्चा मुंगेर का खुल गया है। सिद्धांत: यह सीट कांग्रेस के खाते में है, लेकिन राजद को पार्टी के प्रस्तावित उम्मीदवार विधायक अनंत सिंह या उनकी पत्नी के नाम पर ऐतराज है।
शुरुअात पप्पू यादव ने की
दबाव की राजनीति की शुरुआत पप्पू यादव ने की। महागठबंधन के खाते में उनका नाम नहीं है। उन्होंने मधेपुरा से चुनाव लडऩे की घोषणा की दी। वहां से वरिष्ठ नेता शरद यादव उम्मीदवार हैं। अगले दिन राजद ने सुपौल पर दावा कर दिया। राजद की सुपौल जिला इकाई ने कहा कि हर हाल में अपना उम्मीदवार देंगे। मालूम हो कि सुपौल से पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन सांसद हैं। सीधा हिसाब यह है कि मधेपुरा से लड़ रहे हैं तो सुपौल के बारे में सोचिए। रंजीत रंजन की पिछली जीत राजद की मदद से हुई थी। पप्पू यादव तो राजद के सिंबल पर ही चुनाव जीते थे। हालांकि कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि सुपौल सीट पर तेजस्वी फैसला करेंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि राजद की स्थानीय इकाई यह ठीक नहीं कर रही है।
औरंगाबाद सीट न मिलने से कांग्रेस की फजीहत
इधर औरंगाबाद सीट न मिलने पर कांग्रेस की फजीहत हो रही थी। पहले से लेकर अबतक के चुनाव का यह पहला अवसर है, जब कांग्रेस औरंगाबाद से नहीं लड़ रही है। इज्जत बचाने के लिए आज कांग्रेस ने काराकाट पर दावा ठोक दिया। इस लोकसभा की छह में से तीन विधानसभा क्षेत्र औरंगाबाद जिले की है। हालांकि, उनके दावे को राजद गंभीरता से नहीं ले रहा है। वह रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा की सिटिंग सीट है। कुशवाहा खुद उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के लिए बगल की सासाराम सीट छोड़ी गई है।
मुंगेर में शुरू हुआ नया बखेड़ा
मुंगेर को लेकर नया बखेड़ा शुरु हो गया था। अबतक यही तय था कि यह कांग्रेस के कोटे में है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले विधायक अनंत सिंह खुद को कांग्रेस का उम्मीदवार बताकर क्षेत्र में घूमने लगे थे। छवि के सवाल पर राजद ने अनंत सिंह की उम्मीदवारी पर ऐतराज किया। विकल्प के तौर पर उनकी पत्नी का नाम आ रहा है। असल में मुंगेर के बहाने कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह पर राजद दबाव बना रहा है। अनंत की उम्मीदवारी का जिम्मा अखिलेश सिंह के हवाले है। खबर है कि बुधवार को अनंत सिंह ने कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह से मुलाकात की। इसके बाद सदानंद सिंह दिल्ली चले गए।