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बिहार: जमीन बंटवारे को लेकर बेटों में होती रही लड़ाई, दुखी माता-पिता ने जहर खाकर दे दी जान

पिता ने जिन पांच बेटों का लालन-पालन बेहतर ढंग से किया और फिर बुढ़ापे में उनके बीच निबंधन के माध्यम से संपत्ति का बंटवारा कर दिया उनमें से एक की वजह से माता-पिता ने खुदकुशी कर ली।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:46 PM (IST)
बिहार: जमीन बंटवारे को लेकर बेटों में होती रही लड़ाई, दुखी माता-पिता ने जहर खाकर दे दी जान
बिहार: जमीन बंटवारे को लेकर बेटों में होती रही लड़ाई, दुखी माता-पिता ने जहर खाकर दे दी जान

नालंदा, जेएनएन। पिता ने जिन पांच बेटों का लालन-पालन बेहतर ढंग से किया और फिर बुढ़ापे में उनके बीच निबंधन के माध्यम से संपत्ति का बंटवारा कर दिया, उनमें से एक की वजह से दरवाजे पर पुलिस आ गई। पिता को यह बात नागवार गुजरी कि जमीन के एक हिस्से के लिए इतना झगड़ा हो रहा। जिंदगी भर सिर उठाकर जीने वाले वृद्ध ने पत्नी से कहा कि कभी दरवाजे पर पुलिस नहीं आई थी। आज यह दिन भी देखना पड़ा। फिर उन्होंने पत्नी के साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली। बेटों के झगड़े की वजह से वृद्ध माता-पिता की खुदकशी से पूरा गांव शोकाकुल है। लोग दोषी बेटों को कोस रहे हैं। 

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घटना नालंदा जिले के एकंगरसराय में मानपुर गांव की है। बुजुर्ग दंपती गंगा प्रसाद व कांति देवी ने के जहर खाकर आत्महत्या के बाद यह सवाल उमड़ता रहा कि पांच-पांच बेटों के होते हुए आखिर जान देने की नौबत क्यों आ गई। माता-पिता के साथ रहकर उनकी सेवा कर रहे पुत्र संतोष ने बताया कि पुलिस के आने पर पिता ने बहुत दुखी होकर कहा था कि मेरे बाद तो सब कुछ तुम्हीं लोगों का है। विवाद नहीं हो तभी रजिस्टर्ड बंटवारा किया है, फिर भी यह दिन देखना पड़ रहा है।

गंगा प्रसाद व कांति देवी ने पांचों पुत्रों जसवाल, उदय प्रसाद, पप्पू कुमार, आयुष्मान उर्फ टीपू और संतोष कुमार के बीच दो-दो बीघे पुश्तैनी जमीन का रजिस्टर्ड बंटवारा कर दिया था। जमीन के एक टुकड़े का बंटवारा नहीं किया था और उस पर निर्माण कार्य चल रहा था। पुश्तैनी जमीन के इस टुकड़े को हासिल करने के लिए बुजुर्ग दंपती के पुत्र आयुष्मान उर्फ टीपू और बहू बबली ने धारा 144 लगाने के लिए एसडीओ को आवेदन दिया था। मंगलवार की सुबह मामले की जांच के लिए पुलिस घर आई थी।  

उधर, माता-पिता की मौत से आहत कोई पुत्र इस बारे में कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। पुत्र पप्पू ने सिर्फ इतना कहा कि भाई टीपू व उसकी पत्नी की नीयत सही नहीं थी। इसके कारण आज हमलोागों को यह दिन देखना पड़ा है। दो चिताओं के एक साथ निकलने से पूरा गांव शोकाकुल में है।  


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