रामलीला में दिखाया गया सुपर्णखा का प्रसंग
कोरोना काल में शहरवासी मथुरा से प्रसारित हो रही रामलीला का वर्चुअल आनंद उठा रहे
जागरण संवाददाता, जौनपुर: अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एल-2 कोविड अस्पताल में विवाद को लेकर आएदिन अव्यवस्था फैल जा रही है। यहां भर्ती कोविड के मरीज चिकित्सकों व कर्मचारियों की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी शिकायतों को दर-किनार करने वाले उच्चाधिकारियों के चश्मे से भी सबकुछ साफ नहीं दिख रहा है। समय रहते खामियों में सुधार नहीं हुआ तो स्थिति विकट हो जाएगी।
जिला महिला अस्पताल के एमसीएच विग में शासन के निर्देश पर एल-2 अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल में 13 वेंटीलेटर, तीन एचएफएनसी, चार बाइपैप वेंटीलेटर, 20 मल्टी पैरामानिटर, सेक्शन मशीन चार, 10 आइसीयू बेड, एचडीयू 10, 80 बेड जनरल मरीजों के लिए है। जिसमें 25 बेड में वेडसाइट आक्सीजन की सप्लाई है। इसके अलावा एक एबीजी मशीन, बायोकेम एनालाइजर दो, सीबीसी मशीन दो, बेडसाइड आक्सीजन सिलेंडर 25 के साथ ही अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। चिकित्सा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा 32 पोर्ट डीबीआर के साथ लगाया गया है। जिसे निगहबानी के लिए जिलाधिकारी, जेडी स्वास्थ्य और सीएमओ के मोबाइल से भी जोड़ा गया है।
सात सितंबर को अस्पताल का शुभारंभ करते हुए राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने दावा किया था कि मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों जैसी सुविधाएं यहां मिलेंगी। जिले के अधिकारियों ने भी बेहतर व्यवस्था की बात कही थी, लेकिन इस समय अस्पताल में भोजन, पेयजल, गंदगी आदि दुर्व्यवस्थाओं की नहीं चिकित्सकों और अधिकारियों के व्यवहार से भी मरीजों को पीड़ा पहुंच रही है। शहर कोतवाली क्षेत्र के खालिसपुर निवासी वृद्ध बंशी मौर्य की तीसरे मंजिल से कूदकर मौत, भाजयुमो कार्यकर्ता से मारपीट की घटना तो बानगी है। तमाम मरीजों ने यातनाएं सहने के बावजूद भयवश इसलिए मुंह नहीं खोला कि कहीं विरोध करने पर जान न गंवानी पड़ जाए। जिले के नोडल अधिकारी, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी आएदिन निरीक्षण करते हैं, लेकिन उन्हें सब कुछ चाक-चौबंद दिखता है। अब देखना यह है कि भाजयुमो कार्यकर्ता के साथ मारपीट की घटना की जांच के लिए गठित टीम शिकायत करने वाले को ही दोषी करार देती है या कुछ ओर।