हुनर से जुड़ विकास में योगदान दे रही आधी आबादी
बढ़ती जनसंख्या को आम तौर पर समस्या माना जाता है लेकिन सही तरीके से प्रबंधन करने पर यह महत्वपूर्ण संसाधन है
पटना। बढ़ती जनसंख्या को आम तौर पर समस्या माना जाता है, लेकिन सही तरीके से प्रबंधन करने पर यह एक महत्वपूर्ण संसाधन है। चीन और भारत जैसे सर्वाधिक आबादी वाले देशों ने लगातार विकास के जरिये इस अवधारणा को मजबूत किया है। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स कुछ इसी तर्ज पर मानव संसाधन के बेहतर उपयोग की दिशा में अच्छा काम कर रहा है। चैंबर की ओर से महिलाओं को हुनर से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
यहां आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर, ब्यूटीशियन का कोर्स कराया जाता है। महिलाओं को निपुण बनाने के साथ सिलाई मशीन देकर प्रोत्साहित किया जाता है। आठ फरवरी 2014 को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के तत्कालीन अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने किशोरियों एवं महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया था। चैंबर के संयोजक मुकेश जैन बताते हैं कि महिलाओं को निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। 10 फरवरी 2014 से 31 जनवरी 2020 तक कुल 1498 किशोरियों एवं महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण देकर उनके मूल्यांकन के बाद चैंबर से प्रमाणपत्र भी दिया गया। व्यवसाय शुरू करने के लिए 25 प्रशिक्षणार्थी को सिलाई मशीन तथा किट भी दी गई। किशोरियों के लिए परिसर में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र भी खोला गया है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर युवतियां विभिन्न संस्थाओं में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर रही हैं। महिलाओं को ब्यूटी पार्लर का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। कभी तंगहाली की शिकार रही जूही, बबीता आदि चैंबर से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी जीविका चला परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। आधार महिला स्वावलंबन की अध्यक्ष गीता जैन प्रशिक्षण कार्य की देखरेख करती हैं। उन्होंने बताया कि चैंबर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।