बल्ब की भी बढ़ेगी चमक-दमक, जगमग होगी पटना सिटी की फैक्ट्रियां
बिहार की राजधानी अब बल्बों से जगमगाएगी। पटना सिटी की बंद फैक्ट्रियां जल्द गुलजार होंगी।
पटना, जेएनएन। पटना में अब केवल एलईडी ही नहीं चमकेगी, बल्ब की भी चमक-दमक भी बढ़ेगी। पटना सिटी की बल्ब इंडस्ट्रीज को राज्य सरकार नई रोशनी देने जा रही है। एलईडी बल्ब आने के बाद पटना सिटी में बल्ब की पुरानी फैक्ट्रियां बंदी के कगार पर पहुंच गई हैं। मांग घटने के कारण इस उद्योग में लगे लोग आर्थिक परेशानी झेलने को मजबूर हो गए हैं।
सिटी की फैक्ट्रियों में बल्ब निर्माण की तकनीक को अपग्रेड करने की योजना उद्योग विभाग बना लिया है। पटना सिटी में फिलामेंट वाला बल्ब बनाने वाली करीब 70 फैक्ट्रियां हैं। इन्हें कलस्टर के रूप में विकसित किए जाने की योजना बनी है। सभी उद्यमियों को नयी तकनीक से एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनके लिए 10 करोड़ की लागत से सामान्य सुविधा केंद्र बनेगा। दीदारगंज के पास जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। पटना सिटी के छह किमी की परिधि में पुरानी तकनीक वाली ज्यादातर बल्ब फैक्ट्रियां हैं।
बिना किसी गारंटी के मिलेगा लोन
बल्ब उद्योग से जुड़े 40 व्यवसायियों ने नई तकनीक में अपग्रेड करने के लिए उद्योग विभाग को आवेदन दे दिया है। उद्योग विभाग ही इन्हें बैंकों से ऋण भी दिलाएगा। प्रधानमंत्री के सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम के तहत इन उद्योगों को वित्तीय सहायता दिलाने की तैयारी है। किसी भी उद्योग को ऋण के बदले में गारंटी नहीं देनी होगी। विभाग का दावा है कि सरल तरीके से ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सिर्फ गांवों में ही बिक रहे पुराने बल्ब
पुरानी तकनीक के कारण पटना सिटी का बल्ब उद्योग घाटे का सौदा बन गया है। एलईडी बल्ब आने के बाद पुरानी तकनीक बेकार पड़ गयी है। ऐसे में उद्यमियों की मदद को सरकार आगे आई है। रंजीत कुमार अग्रवाल बताते हैं कि उद्योग विभाग की पहल से आशा की किरण जगी है। अभी तो आर्थिक हालत खराब हो गयी है। पुराने बल्ब सिर्फ देहाती क्षेत्र में ही बिक रहे हैं। शहरी क्षेत्र में कोई नहीं लेने जा रहा है। सरकार जल्द से जल्द उद्योग को अपग्रेड करा दे तो बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार होने से बच जाएंगे।
विभाग के खर्चे पर मिलेगा प्रशिक्षण
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक उमेश कुुमार ने कहा कि बल्ब उद्योग को नयी तकनीक से जोड़ा जाएगा। उद्यमियों के लिए सामान्य सुविधा केंद्र बनवाया जाएगा। सभी फैक्ट्रियों को बिना गारंटी के ऋण दिलाया जाएगा। नयी तकनीक के बारे में उद्योग विभाग अपने खर्च पर उद्यमियों को प्रशिक्षण दिलाएगा।