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वाहो-वाहो गोविद सिंह, आपे गुरु चेला से गूंजी गुरु की नगरी

वाहो-वाहो गोविद सिंह आपे गुरु चेला राज करेगा खालसा आकी रहे ना कोई जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 01:42 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 06:14 AM (IST)
वाहो-वाहो गोविद सिंह, आपे गुरु चेला से गूंजी गुरु की नगरी
वाहो-वाहो गोविद सिंह, आपे गुरु चेला से गूंजी गुरु की नगरी

पटना सिटी। वाहो-वाहो गोविद सिंह, आपे गुरु चेला, राज करेगा खालसा, आकी रहे ना कोई, जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, सतिनाम श्री वाहि गुरु जैसे धार्मिक नारों से बुधवार को अशोक राजपथ भक्तिमय हो गया। मौका था दशमेश गुरु श्री गुरु गोविद सिंह के 353वें प्रकाश पर्व पर गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा से निकले श्री गुरुग्रंथ साहिब के नगर-कीर्तन का। इसमें शामिल श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ दशमेश गुरु महाराज के बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

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दोपहर दो बजे गायघाट से निकले नगर-कीर्तन में आगे-आगे हाथी, दो दर्जन घोड़े व ऊंट पर श्रद्धालु सवार थे। पीछे डेढ़ दर्जन बैंड-बाजा, दर्जनभर कीर्तनी जत्था व पालकी के आगे पंज-प्यारे हाथ में तलवार लिये चल रहे थे। पूरा मार्ग धार्मिक नारों से गूंज रहा था। देर शाम नगर-कीर्तन का तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब के दर्शन ड्योढ़ी (हरिमंदिर गली) होते हुए रात 8:30 बजे गुरुद्वारा परिसर में प्रवेश हुआ। रात में धार्मिक कार्यक्रम तख्त श्री हरिमंदिर परिसर में निर्मित पंडाल में हुआ। -विशेष दीवान के बाद शबद-कीर्तन

नगर-कीर्तन निकलने के पहले बुधवार को सुबह आठ बजे गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा में त्रिदिवसीय अखंड पाठ की समाप्ति हुई। विशेष दीवान के बाद कीर्तन में पटना साहिब के हजूरी रागी जत्था भाई रजनीश सिंह, इंग्लैंड के रागी जत्था भाई जसबीर सिंह, सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के भाई हरिंदर सिंह रोमी वीर कीर्तनी जत्था ने शबद-कीर्तन से साध-संगत को निहाल किया। वहीं तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह जी गौहर-ए-मस्कीन ने श्री गुरु गोविद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला। बीबी अमनदीप कौर तथा सिमरजीत कौर व धनबाद की माता गुजरी रागी जत्था ने शबद कीर्तन से संगतों को निहाल किया। अरदास व प्रसाद वितरण के बाद दीवान की समाप्ति हुई। जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह ने विशिष्ट लोगों को सिरोपा देकर सम्मानित किया। अरदास, हुक्मनामा के बाद पंगत में बैठकर संगतों ने लंगर छके। बुधवार को तख्त श्री हरिमंदिर में मुख्य समारोह होगा। -बैंड-बाजे पर धार्मिक नारे, भजन-कीर्तन

नगर-कीर्तन में बैंडबाजों पर देह शिवा बर मोहे इहे, शुभ करमन ते कबहुं न टरूं.. बज रहे धुन के साथ नगर कीर्तन के मध्य में सिख श्रद्धालु व स्त्री साध-संगत की महिलाओं द्वारा पंथ की जीत हो, वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह आदि धार्मिक नारे, भजन-कीर्तन, कथा-प्रवचन प्रस्तुत किए जा रहे थे। नगर कीर्तन में चितकोहरा के गोविदनगर स्थित श्री गुरु तेग बहादुर विद्यालय, श्री गुरु गोविंद सिंह मध्य व उच्च बालक-बालिका विद्यालय, श्री गुरु नानक सेंट्रल स्कूल, लोदी कटरा के छात्र-छात्राओं ने मार्च पास्ट किया। मार्च पास्ट के आगे-आगे पंज-प्यारे चल रहे थे। कीर्तनी जत्था में चितकोहरा, मछुआ टोली, फ्रेजर रोड, रांची, लक्ष्मीपुर, पंजाब, तथा स्थानीय स्त्री साध संगत के लोग शामिल थे। - मार्ग में हुई फूलों की बारिश

गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी अशोक राजपथ से गुजर रही थी। टैंकर से मार्ग में जल का छिड़काव किया जा रहा था। सिख श्रद्धालु नर-नारियों द्वारा भी उक्त मार्ग पर जल छिड़काव कर झाड़ू से मार्ग की सफाई की जा रही थी। पंज प्यारे और पालकी के आगे श्रद्धालु फूलों की वर्षा कर रहे थे। रास्ते में जगह-जगह घर की छतों से नगर कीर्तन पर फूल बरसाये गए। अशोक राजपथ पर चार किलोमीटर तक दोनों ओर हजारों की संख्या में नगर कीर्तन की एक झलक पाने को व्याकुल दिखे। -गतका पार्टी का जौहर

नगर-कीर्तन के दौरान पंजाब से आए गतका पार्टी के सदस्य लाठी, तलवार, ढाल व घिरनी नचा जौहर दिखाकर श्रद्धालुओं को अचंभित कर रहे थे। घोड़े व ऊंट पर नगाड़ा पार्टी अपने करतब से आकर्षण का केंद्र बने थे। -कीर्तनी जत्थों ने झुमाया

कीर्तनी जत्था में झारखंड के रांची, धनबाद, लक्ष्मीपुर कटिहार, फ्रेजर रोड, चितकोहरा तथा स्थानीय स्त्री साध संगत की महिलाओं तथा पुरुष गायकों ने भजनों से सभी को झूमाया। धनबाद के विक्की छाबड़ा ने ना सरो मनसूर गुरु गोविद सिंह.., 353वें साल गुरु के दर चलिए.., चार साहिबजादे.., सारे देवो बधाइयां.., देत बधाइयां मां गुजरी दे घर चलिए.., बाल गोपाल के बाल उमर में ऐसा एक दिन आया पंडित शिवदत्त में रामरूप को पाया.. भजनों पर झूमने को मजबूर किया। - हर मोड़ पर संगतों का स्वागत

गायघाट से नगर कीर्तन निकलने के दौरान अशोक राजपथ के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग नगर कीर्तन देखने को पलकें बिछाए थे। गायघाट से दोपहर दो बजे निकली पालकी आलमगंज थाना के पास तीन बजे पहुंच चुकी थी। इस दौरान भद्रघाट, बड़ी पटन देवी मोड़, अनुमंडल कार्यालय मोड़, पश्चिम दरवाजा, मानस पथ, गुरहट्टा, खाजेकलां, मच्छरहट्टा, चौक, झाऊगंज समेत अन्य स्थानों पर नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। जगह-जगह संगतों के लिए चाय-पानी व अल्पाहार की व्यवस्था विभिन्न संगठनों द्वारा की गई थी। नगर कीर्तन के दौरान प्रशासन व पुलिस की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था दिखी। चौक थाना शांति समिति के सदस्यों रामजी योगेश, अंजू सिंह, पिकी पांडे, रेखा सिंह, रश्मि चौरसिया, संजय कुमार, रवि कुमार, कुमार विशाल, संजय यादव, आनंद मोहन झा ने भीड़ में भटके बच्चों को परिजनों से मिलाया। -पालकी की सेवा कर रहे थे संत

पालकी की सेवा जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह कर रहे थे। पालकी के साथ यमुनानगर के संत बाबा करमजीत सिंह, संत बाबा धाला सिंह, संत बलबीर सिंह, संत अवतार सिंह, सांसदों में एसएस अहलूवालिया, प्रो. प्रेम सिंह चंदू माजरा, बलविदर सिंह भूंदड़ के अलावा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह हित़, कनीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, सचिव महेन्द्र सिंह छाबड़ा, सदस्य जगजोत सिंह, हरनाम सिंह जौहल, कमीकर सिंह, हरवंश सिंह, धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन लखविदर सिंह, दिल्ली गुरुद्वारा की उपाध्यक्ष बीबी रंजीत कौर, लुधियाना के गुरमीत सिंह, सेवानिवृत प्राचार्य कंवलजीत सिंह, गुरजीत सिंह, गुरदयाल सिंह, जगजीवन सिंह, अमरजीत सिंह शम्मी, दलजीत सिंह, नवराज सिंह, कुकू सिंह, चरण सिंह, हरजीत सिंह, त्रिलोक सिंह, आनंद मोहन झा, जबलपुर के परमजीत सिंह, समेत अन्य श्रद्धालु थे। शाम का कार्यक्रम तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में होगा।


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