दिल्ली की तरह दिखेगा पटना एयरपोर्ट, बनेंगे टर्मिनल वन और टू, खर्च होंगे 1200 करोड़ रुपये
2021 तक जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट नये स्वरूप में आ जाएगा। इसके विकास पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 14 बे-प्लेटफॉर्म बनेंगे।
पटना [मृत्युंजय मानी]। पटना का जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2021 तक नये स्वरूप नजर आएगा। इसके विकास पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 14 बे-प्लेटफॉर्म बनेंगे। छह में एयरो ब्रिज सुविधा रहेगी। एयरपोर्ट को नया स्वरूप देने को 15 जून तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
दिल्ली की तरह दिखेगा
पटना हवाईअड्डे पर दिल्ली एयरपोर्ट की तरह टर्मिनल वन और टू बनाने पर विचार चल रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने साथ दिया तो दो टर्मिनल भवन बनेंगे। एयरपोर्ट प्रशासन राज्य सरकार से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के पास एक टर्मिनल भवन बनाने के लिए जमीन मांगने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जमीन मिलने पर एक और टर्मिनल भवन बनेगा तथा इस तरफ बे-प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी दो टर्मिनल भवन हैं।
पहले बिहार हैंगर के पास नया टर्मिनल भवन
फिलहाल बिहार हैंगर के पास नए टर्मिनल भवन का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इसकी वार्षिक क्षमता 50 लाख यात्रियों की होगी। वर्तमान आवासीय कॉलोनी को तोड़कर वहां मल्टी-लेवल वाहन पार्किंग का निर्माण होगा। एक तरफ सात मंजिला आवासीय भवन भी तैयार होगा।
जू की जमीन मांगी
एयरपोर्ट प्रशासन ने विस्तार के लिए नागर विमानन मंत्रालय से चिडिय़ाघर की सात एकड़ जमीन की मांग की है। जमीन मिलने पर रनवे का विस्तार हो जाएगा। इससे एयरपोर्ट के सामने वाली सड़क का रूट बदल जाएगा। अभी चिडिय़ाघर के 700 पेड़ों की छंटाई कर विमानोंं की आवाजाही की बाधा दूर कर ली गई है। 2072 मीटर लंबे रनवे में चिडिय़ाघर की तरफ से विमान के लैंड करने पर 1938 मीटर रनवे का इस्तेमाल होता है। जबकि फुलवारीशरीफ की तरफ से लैंडिंग की स्थिति में 1677 मीटर रनवे का ही इस्तेमाल हो पाता है। रेलवे लाइन इसमें बाधा है।
वन विभाग की जमीन भी मांगी
एयरपोर्ट प्रशासन ने नागर विमानन मंत्रालय को पर्यावरण एवं वन विभाग की नर्सरी और वेटनरी कॉलेज की 45 एकड़ जमीन लेने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि यह प्रस्ताव अभी राज्य सरकार के पास नहीं आया है। एयरपोर्ट प्रशासन इस क्षेत्र में वेरी हाई रेंज ओमनी डायरेक्शनल एंटीना तथा आइसोलेशन-बे के लिए जमीन चाहता है। यह एंटीना 360 डिग्री पर बिंब छोड़ता है। इससे विमानों के लिए लैंड करना आसान हो जाएगा। जहाज में बम होने की आशंका और हाइजैक होने की स्थिति में विमान को आइसोलेशन-बे में ले जाया जाता है।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए जरूरत
- 7 एकड़ जमीन चिडिय़ाघर की चाहिए एयरपोर्ट विस्तार के लिए
- वेरी हाई रेंज ओमनी- डायरेक्शनल एंटीना तथा आइसोलेशन-बे बनाने के लिए 45 एकड़ जमीन वन विभाग और वेटनरी कॉलेज की चाहिए
- टर्मिनल टू के लिए आइसीएआर के पास जमीन की मांग करेगा एयरपोर्ट प्रशासन