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गोलबंद होकर बैंककर्मिंयों ने की नारेबाजी, हड़ताल से 10 हजार करोड़ का लेन-देन प्रभावित

बैंक अधिकारियों की हड़ताल का असर पटना में व्यापक रहा। सबसे ज्यादा असर एसबीआइ में दिखा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:50 PM (IST)
गोलबंद होकर बैंककर्मिंयों ने की नारेबाजी, हड़ताल से 10 हजार करोड़ का लेन-देन प्रभावित
गोलबंद होकर बैंककर्मिंयों ने की नारेबाजी, हड़ताल से 10 हजार करोड़ का लेन-देन प्रभावित

पटना, जेएनएन। बैंक अधिकारियों की एकदिनी हड़ताल के पूरे बिहार में असरदार होने का दावा किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष उमाकांत सिंह ने कहा कि हड़ताल की वजह से 10 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन बाधित होने का अनुमान है। हड़ताल में लगभग 10 हजार बैंक अधिकारी शामिल हुए। संघ के महासचिव अजीत मिश्र ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह से सफल रही। हड़तालियों ने दावा किया कि सूबे में 6844 से अधिक बैंक शाखाओं का शटर गिरा रहा। बैंक कर्मचारी हड़ताल पर नहीं थे लेकिन शाखा नहीं खुलने की वजह से कामकाज ठप रहा।

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शाखाएं खुलीं पर गिरे रहे शटर

सरकारी बैंकों के मुख्यालयों पर अधिकारी एकजुट होकर केंद्र सरकार के विरुद्ध में दिन भर नारेबाजी करते रहे। गांधी मैदान स्थित एसबीआइ के स्थानीय प्रधान कार्यालय, कोतवाली थाना के निकट इलाहाबाद बैंक क्षेत्रीय कार्यालय, बैंक ऑफ इंडिया के फ्रेजर रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के फ्रेजर रोड कार्यालय पर हड़ताली गोलबंद होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। इससे पूर्व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पीएनबी सहित कई बैंकों की शाखाएं खुलीं जरूर लेकिन हड़ताली शटर गिरा दिए। एआइबीओसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि 26 दिसंबर को फिर बैंकों में हड़ताल होगी। इसमें अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी शामिल होंगे। इसके बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। कहा कि देशभर के 3.25 लाख बैंक अधिकारी हड़ताल में शामिल हुए। यह हड़ताल बैंक अधिकारियों के स्केल सात तक को वेतन समझौता में शामिल करने, चार्टर ऑफ डिमांड के अनुसार वेतन समझौता जल्द करने, बैंक के मंद व्यवसाय एवं एनपीए रिकवरी करने देने एवं पारिवारिक पेंशन की विसंगतियों को दूर करने जैसी मांगों और बैंकर्स पर बढ़ते हमले जैसे मुद्दों को लेकर हुई। ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सुनील सिंह कहा कि बैंक मर्जर और बैंकों के निजीकरण को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यूनियन बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार और महासचिव प्रियरंजन कुमार ने भी हड़ताल को सफल बताया।

एटीएम पर भी असर कहीं खुले, कहीं बंद

हड़ताल के बावजूद एटीएम सेवा पूरी तरह बंद नहीं थी। एटीएम कहीं खुले कहीं बंद थे। हालांकि हड़ताल की खबर की वजह से ग्राहक चौकन्ने थे और निकासी की ऐसी रफ्तार बढ़ी कि शाम तक अधिकांश एटीएम खाली हो गए। मुश्किल यह कि अब 24 दिसंबर को ही कैश लोड होगा, क्योंकि 22 को शनिवार एवं 23 को रविवार का अवकाश है। सिर्फ 24 दिसंबर को बैंक खुलेरहेंगे। इसके बाद 25 को क्रिसमस की छुट्टी है जबकि 26 को फिर बैंक हड़ताल है। यानी बैंक ग्राहकों की मुश्किल फिलहाल बनी रहेगी। खासकर कैश की जरूरत पूरी करने में मुश्किल होगी।


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