Bihar Weather: बिहार में बढ़ा तापमान, दो दिन बाद बादल गरजने और बिजली गिरने के आसार
राजधानी पटना सहित प्रदेश के तापमान में वृद्धि दर्ज हुई है। दो दिन बाद मेघगर्जन और बिजली गिरने के आसार हैं। 34.7 डिग्री सेल्सियस के साथ वैशाली में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है। 10-15 किमी प्रतिघंटा हवा की गति रहने की संभावना है।
जासं, पटना। बिहार में मौसम में सुधार होने के बाद पटना समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों में गर्मी बढ़ी है।
पटना के अधिकतम तापमान में बीते 24 घंटों के दौरान 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई।
यह 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि 34.7 डिग्री सेल्सियस के साथ वैशाली में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार एक चक्रवातीय परिसचंरण का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम राजस्थान और इसके आसपास क्षेत्रों में बना हुआ है।
इनके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। इस दौरान पछुआ हवा का गति 10-15 किमी प्रतिघंटा रहने के आसार हैं।
वहीं, दो दिनों बाद प्रदेश के उत्तर पूर्व और दक्षिणी भागों के एक या दो स्थानों पर बिजली के साथ मेघ गर्जन की संभावना है।
26 मार्च से 28 मार्च तक इन जगहों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की चेतावनी दी गई है।
इन शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि
बीते 24 घंटों के दौरान पटना के अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री, गया में 1.3 डिग्री, नवादा में 1.2 डिग्री, जमुई में 1.2 डिग्री, बांका में 1.8 डिग्री, औरंगाबाद में 1.1 डिग्री, डेहरी में 1.8 डिग्री, मोतिहारी में 2.5 डिग्री, खगड़िया में 1.9 डिग्री तापमान बढ़ा है।
इसी तरह कटिहार में दो डिग्री, सबौर में दो डिग्री, बांका में 1.8 डिग्री, फारबिसगंज में 1.6 डिग्री, अरिरया में 1.3 डिग्री, सुपौल में दो डिग्री, पूर्णिया में 1.8 डिग्री सेल्सियस डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रमुख शहरों का तापमान
- पटना 34.2
- गया 34.0
- भागलपुर 34.5
- मुजफ्फरपुर 31.0
- औरंगाबाद 33.3
- डेहरी 34.6
- नवादा 33.7
- जमुई 33.6
- शेखपुरा 34.6
- नालंदा 33.9
- छपरा 28.8
- वैशाली 34.7
- मोतिहारी 33.5
(अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में)
उपकरण से मिलेगी विकिरण के बारे में जानकारी
मौसम विज्ञान केंद्र पटना में उच्च ऊर्जा स्थलीय विकिरण की निगरानी के लिए उपकरण लगाया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि इस उपकरण के जरिए पृथ्वी से निकलने वाले स्थलीय विकिरण के साथ सौर विकिरण के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
उन्होंने बताया कि हाल के अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि आंधी और बिजली के दौरान उच्च ऊर्जा वाले गामा विकिरण में अचानक वृद्धि होती है।
इसे गामा किरण फ्लैश यानी टीजीएफ कहा जाता है। उपकरण के लगने से आंधी, ठनका के दौरान होने वाले उत्सर्जन के बारे में जानकारी मिलेगी।
किसी भी परमाणु आपात स्थिति में इस नेटवर्क के जरिए जानकारी मिल सकती है। इसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
पूर्वी भारत में लगने वाला यह पहला उपकरण है। आने वाले दिनों में वाल्मीकि नगर, पूर्णिया, भागलपुर और गया में भी यह उपकरण स्थापित किया जाएगा।