तेजप्रताप ने पूछा- इ जो "छपाक" है, इ सत्ता में बैठे लोगों को "थपाक से" काहे लग रहा है?
राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और राजद नेता तेजप्रताप यादव ने दीपिका पादुकोण की फिल्म की तारीफ की और उसका समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जानिए क्या कहा तेज ने.
पटना, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) के छात्रों के समर्थन में विश्वविद्यालय पहुंचने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि इसे लेकर देश भर में सियासत गरमायी रही और इस बीच शुक्रवार को दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक रिलीज हुई, जिसे लेकर भी विवाद सामने आया।
फिल्म के रिलीज होने के बाद जहां इसे कई राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया तो वहीं बिहार में भी छपाक को विपक्षी पार्टी राजद ने टैक्स फ्री करने की मांग की है। इसके साथ ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने दीपिका पादुकोण की फिल्म को लेकर विवाद पर केंद्र सरकार के खिलाफ तंज कसते हुए ट्वीट किया है और पूछा है कि 'इ जो 'छपाक' है, इ सत्ता में बैठे लोगों को 'थपाक से' काहे लग रहा है?
इ जो "छपाक" है, इ सत्ता में बैठे लोगों को "थपाक से" काहे लग रहा है?
ये वही लोग हैं जो नारी सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसे भाषण देते फिरते हैं।@deepikapadukone जी आप एक प्रेरणा हो।।— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) January 11, 2020
बता दें कि बीजेपी (BJP) ने जहां दीपिका के जेएनयू जाने के कदम को गलत बताया था और इसका विरोध किया था। तो वहीं विरोधी पार्टियों ने दीपिका के कदम को सही बताते हुए उनका जमकर समर्थन किया था। अब दीपिका के समर्थन में तेजप्रताप यादव भी उतर आए हैं और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है और ट्वीट में लिखा है कि 'ये वही लोग हैं जो नारी सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसे मुद्दों पर भाषण देते फिरते हैं. अंत में उन्होंने कहा कि दीपिका जी आप एक प्रेरणा हो।'
इसके पहले तेजप्रताप ने जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले को गलत बताते हुए दिल्ली पुलिस पर अपनी नाराजगी जताते हुए लिखा था कि 'जेएनयू में गोडसे के वंशजों ने ज्ञान, शील और एकता का परिचय देते हुए छात्रों के ऊपर जानलेवा हमला किया है। छात्रों के ऊपर डंडे बरसाने वाली दिल्ली पुलिस अगर इन दंगाइयों के खिलाफ सख्त कारवाई नहीं कर सकती है तो ख़ाकी वर्दी त्यागकर संघ के शाखा में ड्यूटी करे।'