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तेजस्वी ने ट्वीट कर महागठबंधन को दी हिदायत, सीएम नीतीश को बताया मौकापरस्त

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर महागठबंधन के सहयोगियों को नसीहत दी है और साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धोखेबाज बताया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 12:02 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 04:10 PM (IST)
तेजस्वी ने ट्वीट कर महागठबंधन को दी हिदायत, सीएम नीतीश को बताया मौकापरस्त
तेजस्वी ने ट्वीट कर महागठबंधन को दी हिदायत, सीएम नीतीश को बताया मौकापरस्त

पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार  और बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है और साथ ही महागठबंधन के सहयोगियों को नसीहत भी दी है।

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तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि  इस चुनाव में संविधान और देश पर अभूतपूर्व संकट है। अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चुक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता? अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे।

सीएम नीतीश कुमार को बताया मौकापरस्त

तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है और ट्वीट में  लिखा है कि भाजपाईयों से संविधान और आरक्षण बचाने के लिए 2015 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी हमने नीतीश जी को सीएम बनाया। यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष का पद भी उन्हीं को दिया, लेकिन दग़ाबाज़ व मौक़ापरस्त कुर्सीवादी सीएम ने सृजन घोटाले से बचने के लिए जनादेश का ही चीरहरण कर दिया।

2014 में लालू प्रसाद जी ने कहा था, यह चुनाव निर्धारित करेगा कि देश टूटेगा या रहेगा, दंगाई ताक़तें इस देश और संविधान को खंडित कर देंगी। उनकी वाणी एक हद तक सही साबित हुई। पिछले 5 वर्षों में संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के साथ तानाशाहों ने क्या-क्या खिलवाड़ किया यह किसी से छिपा नहीं है।

तेजस्वी ने युवाओं से की अपील, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव में युवकों से उनके जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को तरजीह देने की अपील की है। साथ ही युवाओं को पीएम मोदी और एनडीए को 2014 के घोषणा पत्र पर सवाल-जवाब करने की सलाह भी दी है। 

उन्होंने कहा कि युवाओं का ध्यान भटकाने के लिए सामाजिक सौहार्द्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है। युवाओं का ध्यान ­अन्य मुद्दों पर खींच कर सरकार असल मुद्दे पर बात करने से कतराती है। अखिर सरकार के हर वर्ष दो करोड़ नौकरी देने के वादे का क्या हुआ।

तेजस्वी ने कहा कि एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों में रोज़गार की स्थिति पिछले 45 वर्षों में सबसे खराब रही है। सरकार के नोटबंदी के फैसले ने असंगठित क्षेत्र से 11 करोड़ नौकरियां लील ली।

बीएसएनएल और ओएनजीसी जैसी नामवर कम्पनियों को जानबूझकर नीम हकीम नीतियों से घाटे में धकेल विनिवेश की ज़मीन तैयार की जा रही है। श्रमिक वर्ग का 80 फीसदी, कुल मानव संसाधन का एक चौथाई और कौशल प्राप्त कर्मियों का एक तिहाई भाग निर्धनता से जूझ रहा है। युवा नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। 


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