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बिहार में कोरोना के आंकड़ों पर तेजस्‍वी यादव का बड़ा बयान, बोले- एक मरीज बताया तो 133 को छिपाया

तेजस्‍वी यादव ने बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों को छिपाने का बड़ा आरोप सरकार पर लगाया है। उन्‍होंने दावा कि दूसरी लहर में साढ़े नौ करोड़ मामलों में केवल सात लाख केस ही रिपोर्ट किए गए। कोविड को लेकर नेता प्रतिपक्ष का सरकार पर हमला

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 07:40 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 07:40 AM (IST)
बिहार में कोरोना के आंकड़ों पर तेजस्‍वी यादव का बड़ा बयान, बोले- एक मरीज बताया तो 133 को छिपाया
तेजस्‍वी यादव और नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोविड से जुड़े मामलों को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्‍होंने राज्‍य में कोरोना संक्रमण से जुड़े मामले छिपाने का आरोप लगाया है। राजद नेता ने कहा कि देशभर में किए गए सीरो प्रिविलेंस में पाया गया है कि बिहार में कोरोना मरीजों का फीसद ज्यादा था। वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर पाया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में बिहार में साढ़े नौ करोड़ वास्तविक कोरोना के मामले हुए। जबकि सरकार के द्वारा मात्र 7 लाख कोरोना मरीजों की बात स्वीकारी गई। गौरतलब है कि बिहार की मौजूदा आबादी लगभग 12.7 करोड़ है। तेजस्‍वी के दावे के मुताबिक दूसरी लहर के दौरान राज्‍य में 74 फीसद से अधिक यानी हर चार में से तीन आदमी कोविड से संक्रमित हुआ।

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बोले- हर 134 संक्रमित में केवल एक को सरकार ने माना

तेजस्‍वी ने कहा कि वास्तविक मामलों और सरकार द्वारा स्वीकार किए गए कोरोना मामलों की तुलना करें तो हम पाते हैं कि बिहार में पूरे देश में सर्वाधिक, 134 गुणा, मामलों को कम कर के रिपोर्ट किया गया यानी बिहार सरकार द्वारा 134 केस में से मात्र एक केस को ही कोरोना पाजिटिव माना गया। उन्‍होंने इसके लिए राज्‍य की खराब स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को जिम्‍मेदार बताया है। राजद नेता ने कहा कि सरकार ने लोगों को संकट के समय मरने के लिए छोड़ दिया।

लाख कोशिशों के बाद भी नहीं छिप सकती है सच्‍चाई

तेजस्वी ने कहा कि दूसरी लहर का प्रकोप इतना भयावह था कि नीतीश सरकार लाख कोशिशों के बावजूद भी सच्‍चाई छिप नहीं सकी। गांव-गांव  कोरोना के मरीज मिल रहे थे। दो से तीन फीसद मरीजों को छोड़ दें तो बाकी का टेस्ट भी नहीं हुआ। गांव के 99 फीसद मरीज कभी अस्पताल पहुंचे ही नहीं। बिहारवासियों को सरकार की नाकामी की कीमत अपने स्वजनों की जान देकर चुकानी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को दूसरे कार्य छोड़ स्वास्थ्य क्षेत्र में टाइम बाउंड काम करने होंगे।


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