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लालू परिवार में तनाव बरकरार, पूर्वे पर कार्रवाई के लिए अड़े तेज प्रताप, तेजस्‍वी ने तोड़ी चुप्‍पी

तेजस्‍वी यादव ने तेजप्रताप की नाराजगी को जायज ठहराते हुए कहा कि मेरे भाई ने पार्टी के हित में बयान दिया है। वे मेरे मार्गदर्शक हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 03:14 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 11:38 PM (IST)
लालू परिवार में तनाव बरकरार, पूर्वे पर कार्रवाई के लिए अड़े तेज प्रताप, तेजस्‍वी ने तोड़ी चुप्‍पी
लालू परिवार में तनाव बरकरार, पूर्वे पर कार्रवाई के लिए अड़े तेज प्रताप, तेजस्‍वी ने तोड़ी चुप्‍पी
पटना [राज्य ब्यूरो]। लालू परिवार में दूसरे दिन रविवार को भी तनातनी बरकरार रही। पार्टी में उपेक्षा के मुद्दे पर तेजप्रताप यादव के तल्ख तेवरों के बाद सकते में आए राजद में सुलह की कवायद तो की गई, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आए। तेज प्रताप अपने बयान पर अभी भी अड़े हैं। साफ कर दिया कि पार्टी में चुगलखोर नेता उन्हें पसंद नहीं हैं। ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना ही होगा।

तेज प्रताप का संकेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे की ओर है, जो उनके कहने के बावजूद राजेंद्र पासवान को पार्टी में सम्मानजनक पद देने से कतराते रहे थे। हालांकि बाद में शीर्ष स्तर की पहल पर सात जून को पूर्वे ने पासवान को राजद का प्रदेश महासचिव नियुक्त कर दिया, लेकिन तबतक बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी। तेज प्रताप के दिल पर चोट लग चुकी थी।

बहरहाल, तेज प्रताप के बयान के बाद माना जा रहा था कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से विवाद सुलझाने की पहल की जाएगी, लेकिन तेजस्वी जब रविवार को मीडिया के सामने आए तो शालीन अंदाज में उन्होंने तेज प्रताप को अपना बड़ा भाई और मार्गदर्शक बताते हुए पूर्वे पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने पूर्वे को अपना अभिभावक बताते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। अब सबकी नजर सोमवार को लालू प्रसाद के 71वें जन्मदिन पर होने वाले समारोह पर लगी है, जब दोनों भाई एक साथ केक काटेंगे और पिता से आशीष लेंगे।

पूर्वे पर बात करने का मतलब नहीं: तेजस्वी
तेज प्रताप के मोर्चे के एक दिन बाद तेजस्वी ने अपनी चुप्पी तोड़ी और रामचंद्र पूर्वे को अपना अभिभावक बताया। राजद कार्यालय में रक्तदान शिविर का उद्घाटन करने पहुंचे तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि तेज प्रताप ने जिस व्यक्ति को सम्मान देने की बात कही थी, उसका मनोनयन तीन दिन पहले ही कर दिया गया है। ऐसे में यह बात खत्म हो गई और पूर्वे पर लगाए गए आरोपों पर बात करने का कोई मतलब नहीं रहा। चेहरे से थोड़ा असहज दिख रहे तेजस्वी ने पार्टी और परिवार में किसी तरह के विवाद से भी इन्कार किया और बड़े भाई को अपना मार्गदर्शक बताया। दावा किया कि पार्टी मजबूत हो रही है।

रामचंद्र पूर्वे का दिमाग चढ़ गया है: तेज प्रताप
अपने पूर्व के स्टैंड पर अड़े तेज प्रताप रविवार को भी गरजे-बरसे। कहा कि पार्टी में सामंतवादी लोग घुस आए हैं। ऐसे लोग अनुसूचित जाति के नेताओं और युवाओं को तरजीह नहीं दे रहे हैं। तेज प्रताप ने रामचंद्र पूर्वे पर समर्पित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि एमएलसी बनने के बाद उनका दिमाग चढ़ गया है। भीषण गर्मी में भी युवा पार्टी के बड़े नेताओं से मिलने आते हैं, लेकिन उनके पास समय नहीं होता है। ऐसे ही लोग मेरे परिवार में भी दरार डालना चाहते हैं। भाइयों में लड़वाना चाहते हैं। उनका मंसूबा मैं कभी पूरा नहीं होने दूंगा। इन नेताओं में रामचंद्र पूर्वे भी शामिल हैं। तेजप्रताप ने कहा कि विधान पार्षद बनने के बाद पूर्वे का दिमाग चढ़ गया है। वह न तो मेरी बात सुन रहे हैं और न ही पार्टी के कार्यकर्ताओं की।

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