किशोर-किशोरियों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने को बिहार सरकार तत्पर: तेजस्वी यादव
Akshay PandeyPublish Date: Fri, 09 Sep 2022 05:31 PM (IST)Updated Date: Fri, 09 Sep 2022 05:31 PM (IST)
जागरण टीम, पटना। यूनिसेफ की बिहार प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने उनकी नई भूमिका के लिए उन्हें बधाई दी और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों और कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए यूनिसेफ के 75 वर्षों के समर्पित कार्य पर प्रकाश डालते हुए एक स्मृति चिह्न भेंट किया। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने यूनिसेफ के निरंतर सहयोग की सराहना करते हुए बिहार के बच्चों और किशोर-किशोरियों के अधिकारों और भलाई को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। बच्चों और महिलाओं के उच्च मृत्यु दर और कुपोषण को तेजी से दूर करने के महत्व को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी प्रथाओं और प्रभावी माडलों को अपनाकर आरोग्य दिवस यानी वीएचएसएनडी (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस) को पूरे बिहार में मजबूत किया जाएगा। उन्होंने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के प्रबंधन समेत बाल मृत्यु दर और रुग्णता को रोकने के लिए एक व्यापक और एकीकृत समुदाय आधारित कार्यक्रम शुरू करने पर भी सहमति व्यक्त की।
उन्होंने सकारात्मक स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और हानिकारक सामाजिक मानदंडों को संबोधित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी बिहार में एक एसबीसी सेल की स्थापना के माध्यम से सामाजिक व्यवहार परिवर्तन (एसबीसी) और संचार पहल को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। उन्होंने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए किशोरियों के एचपीवी टीकाकरण की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।
नफीसा बिंते शफीक ने बच्चों और महिलाओं के लिए राज्य सरकार की प्रगतिशील नीतियों और योजनाओं की सराहना करते हुए उपमुख्यमंत्री को सरकार और प्रमुख हितधारकों के साथ यूनिसेफ के सहयोगात्मक कार्यों के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने उप मुख्यमंत्री को केंद्र और राज्य सरकारों के साथ संयुक्त कार्य योजना के अलावा यूनिसेफ के नए कंट्री प्रोग्राम (2023-27) जो लैंगिक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण, इक्विटी और आपदा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए बच्चों और किशोर-किशोरियों के समग्र विकास और सशक्तिकरण पर केंद्रित है, से भी अवगत कराया।
चूंकि, राज्य में प्रजनन आयु वर्ग की लगभग 40% महिलाओं के कुपोषित होने के कारण 15% बच्चे जन्म के समय कम वजन के साथ (30 लाख प्रेग्नेंसी में लगभग 4.5 लाख) पैदा होते हैं और अतिकुपोषण का शिकार हैं, इसलिए यूनिसेफ बिहार प्रमुख ने प्राथमिक स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को मजबूत करने के साथ-साथ रणनीतिक संचार और व्यवहार परिवर्तन पहल के महत्व पर प्रकाश डाला।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोविड-19 महामारी के दौरान जागरूकता निर्माण से लेकर टीकाकरण अभियान तक यूनिसेफ के सहयोग की सराहना की और कहा कि हम राज्य के बच्चों, किशोर-किशोरियों और महिलाओं के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को मजबूत करने के लिए यूनिसेफ के साथ काम करना जारी रखेंगे।
देश भर में बाल विवाह के संदर्भ में राज्य की उच्चतम दर और अन्य मुद्दों का हवाला देते हुए नफ़ीसा बिन्ते शफीक ने समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस और अन्य सभी विभागों के अलावा हितधारकों के साथ सक्रिय समन्वय से व्यापक किशोर-किशोरी सशक्तिकरण रणनीति की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। यूनिसेफ टीम ने बच्चों और किशोर लड़कियों के कुपोषण को दूर करने के साथ-साथ सभी लड़कों और लड़कियों के लिए सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करने, हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण से बच्चों की सुरक्षा, सुरक्षित और टिकाऊ पानी, साफ़ सफाई एवं स्वच्छता सेवाओं के अलावा समावेशी सामाजिक नीति और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूत बनाने पर बल दिया।
यूनिसेफ बिहार प्रमुख ने लिंग परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को मजबूत करने पर भी जोर दिया। इसे सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सामाजिक व्यवहार परिवर्तन (एसबीसी) कार्यक्रम को मज़बूत करने, एसएनसीयू में बीमार महिला नवजात प्रवेश के लिए प्रोत्साहन, सम्मानजनक मातृत्व देखभाल, सेवाओं के व्यापक, एकीकृत और कम लागत वाले मातृ पोषण पैकेज को शुरू करने का सुझाव दिया जिससे मातृ मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर को रोकने के साथ-साथ बचपन में कुपोषण को दूर करने में भी मदद मिल सकेगी। उन्होंने राज्य में सामाजिक व्यवहार संचार के अलावा कोविड-19 टीकाकरण के लिए 12+ आयु वर्ग के बच्चों व किशोर-किशोरियों तक पहुंचने की भी वकालत की।
यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. सिद्धार्थ रेड्डी ने बच्चों एवं किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य से जुड़ी विशिष्ट गतिविधियों पर प्रस्तुति दी और पीएमई (कार्यक्रम निगरानी और मूल्यांकन) विशेषज्ञ प्रसन्ना ऐश द्वारा बाल संरक्षण के ढांचे पर विस्तृत चर्चा की गई। स्वास्थ्य विभाग के सचिव, के. सेंथिल कुमार, विशेष सचिव सह कार्यकारी निदेशक, एसएचएसबी, संजय कुमार सिंह, यूनिसेफ बिहार के सलाहकार, आर के महाजन, केशवेंद्र कुमार, अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक, एसएचएसबी, डा कौशल किशोर, सीईओ, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति, एड्स कंट्रोल सोसायटी के संयुक्त सचिव सह परियोजना निदेशक, अंशुल अग्रवाल और यूनिसेफ बिहार के पोषण विशेषज्ञ रबी नारायण पाढ़ी बैठक के दौरान उपस्थित रहे।
Edited By: Akshay Pandey
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