तेजस्वी नहीं छोड़ना चाह रहे अपना बंगला, मुख्यमंत्री सचिवालय को लिखा पत्र
तेजस्वी यादव 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगले को नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय को भी पत्र भेजा है, जिसमें बतौर नेता प्रतिपक्ष यह बंगला देने की मांग की गई है।
पटना [जेएनएन]। महागठबंधन की सरकार टूट चुकी है। बिहार में अब एनडीए की सरकार है। दो महीने पहले तक सरकार में शामिल कई लोग पूर्व हो गये हैं। पूर्व होते ही कई सारी सुविधायें छीन चुकी है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र दो महीने पहले तक बिहार के उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन अब वे पूर्व उपमुख्यमंत्री हो चुके हैं। लेकिन कुर्सी जाने के बाद भी सरकारी बंगले से उनका मोह खत्म नहीं हो रहा है।
आखिर हो भी तो कैसे, 20 महीने तक जिस बंगले में रहे, उसे अचानक खाली करना पड़ जाये तो थोड़ी परेशानी तो जरूर होगी। यही परेशानी तेजस्वी को भी हो रही है। 5-देशरत्न मार्ग स्थित बंगले को वह छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। इसलिए उन्होंने भवन निर्माण मंत्री महेश्वरी हजारी के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय को भी पत्र भेजा है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष बतौर पांच देशरत्न मार्ग का बंगला उन्हें देने की मांग की गई है।
बिहार में नयी सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव का 5-देशरत्न मार्ग बांगला डिप्टी सीएम सुशील मोदी को आवंटित किया गया है। बंगला खाली करने के लिए तेजस्वी को भी नोटिस भेजा गया है लेकिन तेजस्वी को बंगला पसंद आ गया है कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बंगला एलॉट करने के लिए सरकार को फिर से पत्र लिखा है। भवन निर्माण मंत्री महेश्वरी हजारी का कहना है कि इस मामले में कमेटी ही फैसला करेगी।
इधर तेजस्वी के बंगला प्रेम पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि बंगला प्रेम जा नहीं रहा है। आखिर उस बंगला में है क्या?
बता दें कि तेजस्वी यादव के पहले 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगले में हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल रहा करते थे, लेकिन मंत्री से हटने के बाद ही छोड़ दिया था। उनका कहना है कि पद चला गया तो फिर बंगला से मोह ठीक नहीं है।
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इधर, राजद ने सरकार पर द्वेष पूर्वक काम करने का आरोप लगाया है। राजद के विधान पार्षद सुबोध राय ने कहा कि पहले भी जब सुशील मोदी डिप्टी सीएम थे तो उन्हें पोलो रोड स्थित पुराना बंगला अलॉट किया गया था। ऐसे में ये बांगला तेजस्वी यादव को मिलना चाहिए। तेजस्वी ने सरकार को लिखे पत्र में भी इसी का हवाला दिया है कि पहले भी ऐसा हुआ है तो मेरे साथ भी होना चाहिए।
यह मामला धीरे-धीरे दिलचस्प होता जा रहा है। यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा कि सरकार तेजस्वी के आग्रह को स्वीकार करती है या फिर पांच देशर्तन मार्ग खाली कराकर नये डिप्टी सीएम सुशील मोदी को सौंपा जाता है।
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