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तेजस्वी ने कहा- भ्रष्‍टाचार में दूसरे नंबर पर आया बिहार, बिना रिश्वत के यहां नहीं होता कोई काम

बिहार विधानसभा में बजट पर विमर्श के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट का आकार लालू जी के कार्यकाल में भी आठ गुना बढ़ा था। पहले की तुलना में बेशक बजट बढ़ा हैमगर इसका बड़ा हिस्‍सा खर्च नहीं हो पाता। भ्रष्‍टाचार भी बढ़ा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:45 AM (IST)
नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में देश में बिहार का नम्बर दूसरा हो गया है। बिना रिश्वत के 75 प्रतिशत काम नहीं होता है। यहां शासन और कुशासन की बात नहीं की जा सकती है। क्योंकि कोई शासन ही नहीं है। सूचनाओं का दबाने का हाल यह है कि सूचना के अधिकार के तहत सिर्फ आठ प्रतिशत आवेदन का जवाब मिल पाता है।

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बजट का आकार बढ़ाने पर वाहवाही, मगर सच कुछ और

उन्होंने कहा कि बजट योजना का आकार बढ़ाने का दावा कर वाहवाही लूटी जा रही है। सच यह है कि नीतीश कुमार के शासन के 15 वर्षों में और उसके पीछे के 15 वर्षों में बजट का आकार प्रारंभिक वर्ष की तुलना में आठ गुना बढ़ा। तेजस्वी गुरुवार को विधानसभा में बजट विमर्श में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को 1990 में सत्ता मिली, उस समय राज्य का बजट तीन हजार करोड़ रुपये का था। 2005-06 में यह 24 हजार करोड़ रुपये का था। 1990 की तुलना में इसमें आठ गुना वृद्धि है। अब उस 24 हजार करोड़ से दो लाख 18 हजार करोड़ के मौजूदा बजट से तुलना कीजिए यह आठ गुना के करीब है। जबकि पहले के तुलना में केंद्रीय करों में राज्य को अधिक हिस्सेदारी मिलती है।

खर्च नहीं हो पाता बड़ा हिस्‍सा

तेजस्वी ने कहा कि बजट का आकार बेशक थोड़ा बढ़ा है। लेकिन, इसका बड़ा हिस्सा खर्च नहीं हो पाता है। भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। इसके अलावा आंतरिक स्रोतों से राजस्व की उगाही में भी काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'थ्री सी' (क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म) के विरोध की बात करते हैं। हकीकत में ऐसा करतेे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष का सिर्फ 70 हजार करोड़ रुपया खर्च हुआ है। अगर एक महीने में बाकी राशि खर्च होगी तो मार्च लूट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

तेजस्‍वी ने सुनाई भैंस और घंटी की कहानी

विधानसभा में बजट पर सामान्य विमर्श के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक चोर और उसकी घंटी की कहानी सुनाई। बजट पर अपनी बात रखते हुए तेजस्वी ने कहा कि एक गांव में किसान के पास एक भैंस थी। रात में दो चोर आए। भैंस चुरा ली। चोरों ने चालाकी दिखाते हुए एक ने घंटी और दूसरे ने भैैंस को लेकर अलग-अलग दिशा में ले चल दिए। एक चोर घंटी बजाता हुआ पूरब दिशा में भाग चला। किंतु जिसके पास भैैंस थी, वह पश्चिम दिशा में भागा।

किसान को पता चला कि उसकी भैंस को चोर ले जा रहे हैं तो उसने गांव वालों को जगाया। गांव वाले जिधर से घंटी की आवाज आ रही थी, उधर ही दौड़ पड़े, जबकि दूसरा चोर आराम से भैंस लेकर चला गया। ग्रामीणों को भैंस के बदले घंटा मिला। तेजस्वी ने भैंस का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार की हालत भी वैसी ही हो गई है। ये लोग घंटा की चिंता कर रहे हैं, भैंस की नहीं।

पिछली बार के बजट का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पिछले साल का बजट दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये का पेश किया था। किंतु उसमें खर्च हुआ सिर्फ 70 हजार करोड़ रुपये। मतलब कि एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हो पाया।


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