तेजस्वी ने लगाया गंभीर आरोप, पूछा- CM नीतीश के आवास से कितने शराब माफ़िया पैदा हुए
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने पूछा है कि शराबबंदी के बाद कितने शराब माफिया मुख्यमंत्री आवास से पैदा हुए? इसका जवाब दीजिए।
पटना, जेएनएन। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है और ट्वीट कर पूछा है कि मैं कह रहा हूं कि नीतीश कुमार के आवास में शराब माफ़िया मटरगस्ती करते है। CM के अंग-संग रहने वाले लोग शराब पीते हैं। है बिहार पुलिस में कोई माई का लाल, जो मुझे Arrest करे? इन बेशर्म और भ्रष्ट जनादेश डकैतों से पूछे शराबबंदी से CM आवास से कितने माफ़िया पैदा हुए है?
तेजस्वी ने लगाए हैं कई बड़े आरोप
तेजस्वी ने उसके बाद लिखा है कि नीतीश कुमार ने पार्टी फ़ंड और RCP टैक्स जुटाने के लिए शराबबंदी करी है? ग़रीबों को जेल भेजने और पुलिस को भ्रष्ट एवं नकारा बनाने के लिए शराबबंदी करी है।
नीतीश कुमार ने क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ने के किए शराबबंदी की है। मुख्यमंत्री बताए अबतक करोड़ों लीटर शराब बरामद होने के बावजूद एक भी वरिष्ठ अधिकारी बर्खास्त नहीं हुआ लेकिन डेढ़ लाख लोग जेल ज़रूर गए?
मुख्यमंत्री बताएं अगर इनका यह कार्यक्रम सफल था तो क्यों इसमें अनेकों बार संसोधन कर शराबबंदी क़ानून को शिथिल क्यों बनाया?
मुख्यमंत्री जी, आपके लाखों पार्टी कार्यकर्ता शराब माफ़िया बने बैठे है। शराब की तस्करी करते है। इसलिए उन्हें अवैध रोज़गार देने के लिए आपने यह किया है। क्या आपको होश है अबतक आपके कितने लोग इसमें पकड़ाए और तुरंत छुड़ाये गए है?
आपके नेताओं के शराब पीते video वाइरल हुए है। और आपकी निकम्मी, भ्रष्ट पुलिस आपके भ्रष्ट शासन की पोल खोलने वाले विपक्षी कार्यकर्ताओं को पकड़ रही है। आप 15 वर्ष से कुंडली मारे बैठे है फिर भी आपकी निकम्मी पुलिस की बंदूक़ नहीं चलती है। जीपें धक्कामार है। विपक्षी कार्यकर्ताओं पर ध्यान देने से अच्छा है बिगड़ती विधि व्यवस्था को संभालिए।
अगर आपमें और आपकी पुलिस में दम है तो मुझे गिरफ़्तार करो ना? मैं सरेआम कह रहा हूँ आप शराब माफ़िया को संरक्षण देते है उन्हें अपने स्वार्थ के लिए पालते है।
ट्वीट कर दी थी सलाह-बिहार नहीं संभल रहा तो इस्तीफा दीजिए..
बिहार में गुंडों, बलात्कारियों, माफ़ियाओं, अपराधियों, दुशासनों और राक्षसों का थूशासनी राज है। मुख्यमंत्री जी, प्रदेश में गाजर-मूली की तरह लोग काटे जा रहे है। कृपया अपने दुलारे-प्यारे और सत्ता संरक्षित, संपोषित एवं संवर्धित गुंडों पर लगाम लगाइये। अब बहुत हो गया। बिहार नहीं संभल रहा तो इस्तीफ़ा दिजीए।
आपके चंदा वसूली के लक्ष्य ख़ातिर कितनी माताओं की गोद सुनी हो गयी है, अनगिनत बहनों के सुहाग उजड़ गए है, असंख्यक बच्चें अनाथ हो गए है। राजनीति से इतर कम से कम मानवीय पहलू को ही ध्यान में रखते हुए क़ानून व्यवस्था को ठीक करिए।
जंगलराज के कथावाचकों के होंठ अब सील दिए गए है या वो अपनी नाकाबिलियत के चलते शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पा रहे है।