PICS: लालू के लाल तेजप्रताप अब बने कांवरिया, चले शिव के धाम; कहा- बिहार में होगा बड़ा परिवर्तन
कभी कर्ली बाल तो कभी कृष्ण और कभी शिव के रूप में नजर आने वाले तेजप्रताप अब कांवरिया बन गए हैं। बोल बम करते चले शिव के धाम देवघर। मीडिया से कहा- बिहार में होगा बड़ा परिवर्तन।
पटना, जेएनएन। कभी कर्ली बाल, तो कभी कृष्ण और कभी शिव के रूप में नजर आने वाले लालू के लाल तेजप्रताप अब कांवरिया बन गए हैं। कांधे पर कांवर और मुंह पर बोल बम। उत्तरवाहिनी गंगा में डुबकी लगा कर सुल्तानगंज स्थित अजगैबी नाथ के मंदिर में पूजा की। इसके बाद बोल बम, बोल बम करते हुए चले शिव के धाम देवघर की आरे निकल पड़े। तेज प्रताप के साथ उनके समर्थक भी खूब बाेल बम कर रहे हैं। मीडिया से कहा- बिहार में होगा बड़ा परिवर्तन।
मीडियाकर्मियों को दी गंगा स्नान की नसीहत
दरअसल तेज प्रताप यादव अचानक देवघर में बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने का मन बना लिया। फिर क्या था, वे अपने दोस्तों के साथ गेरुआधारी चोलों में पहुंच गए सुल्तानगंज। उनके सुल्तानगंज पहुंचने की जानकारी प्रशासन को नहीं थी, इसलिए उनके लिए अलग से सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा में जमकर डुबकी लगाई और उन्हें घेरे हुए मीडियाकर्मियों पर चुटकी भी ली। सवाल पूछनेवाले मीडियाकर्मियों को गंगा में स्नान करने की नसीहत भी दी तथा कुरेदने पर तेज प्रताप ने कहा कहा- बिहार में बड़ा परिवर्तन होगा, बस इंतजार कीजिए।
बाबा अजगैबीनाथ का किया जलाभिषेक
सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनीग गंगा में स्नान करने के बाद तेज प्रताप यादव ने अजगैबीनाथ मंदिर में भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया। इसके बाद गंगा में जलभर देवघर की ओर निकल गए। वे सोमवार को देवघर में बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करेंगे।
कांधे पर कांवर और मुख पर बोल बम
तेज प्रताप कांधे पर कांवर लेकर बोल बम, बोल बम करते हुए चल रहे थे और उनके साथ उनके दोस्त भी बाबा के रंग में रंगे नजर आ रहे थे। एक कांवरिया तो बिल्कुल भोलेनाथ के वेश में हो गए थे। वे कुछ दूर तक कांवड़ लेकर पैदल निकले, फिर वाहन पर सवार होकर बाबाधाम चले गए।
मां राबड़ी से लिया आशीर्वाद
इतना ही नहीं, लालू के लाल तेज प्रताप का मां राबड़ी के प्रति यहां भी स्नेह दिखा। उन्होंने देवघर जाने से पहले मां राबड़ी देवी से फोन पर बात की। उनका आशीर्वाद लिया। वीडियो कॉल कर तेज प्रताप ने मां से आशीर्वाद लिया। इतना ही नहीं, मां को उत्तरवाहिनी गंगा का दर्शन कराया। बताया जाता है कि गंगा दर्शन राबड़ी देवी के अलावा छोटे भाई तेजस्वी यादव ने भी किया। उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से अजगैबीनाथ मंदिर का भी दर्शन कराया।
पहली सोमवारी को पूरी तरह बन गए थे शिव
इधर देखें तो लोकसभा चुनाव में अपने बागी तेवर से लालू परिवार और पार्टी (राजद) की परेशानी बढ़ाने वाले तेज प्रताप इन दिनों लगातार नए-नए लुक में नजर आ रहे हैं। कांवरिया बनने के पहले वे सावन के पहले सोमवार को पूरी तरह शिव बन गए थे। पटना के ही एक मंदिर में शिव के वेश में महादेव की पूजा की और इसका फोटो व वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया। फोटो में उन्होंने पूरे शरीर पर सफेद धोती लपेटी हुई थी। साथ ही, पूरे शरीर में भस्म लगाया था। मृगछाला धारण कर वे बिल्कुल भगवान शंकर का अवतार लग रहे थे। केवल गले में नाग और माथे पर चंद्रमा की ही कमी थी।
पिछले साल गए थे बाबाधाम और धरा था शिव का रूप
बता दें कि तेज प्रताप यादव पिछले साल भी सावन के महीने में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम गए थे और वहां उन्होंने शिव के दर्शन किए थे। जाने से पहले उन्होंने पटना के शिवालय में पूजा-अर्चना की थी और उस समय भी उन्होंने भगवान शंकर का रूप बनाया था। उस समय भी उनकी तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुए थे। खास बात कि उस समय उनके गले में नाग भी था और हाथ में त्रिशूल भी।
कर्ली बाल में खूब जम रहे थे तेज प्रताप
पिछले दिनों तेज प्रताप यादव अचानक कर्ली बाल में नजर आने लगे थे। यहां तक कि राजद की बैठक में भी वे उसी अंदाज में नजर आ रहे थे। इस नये लुक में पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में जब वे शामिल होने पहुंचे तो सबकी नजरें तेजप्रताप पर ही टिक गयीं। लेकिन लोग तब चौंक गए, जब तेजप्रताप ने मंच से एक राजद कार्यकर्ता को ये कहते टोक दिया कि आप साईड हट जाइये, महिलाएं हमें देखना चाहती हैं। उस कार्यक्रम में राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं।
जब धरा था कन्हैया का रूप, पीएम मोदी ने भी की थी चर्चा
तेज प्रताप एक बार 'कृष्ण' रूप में नजर आए थे, जिसमें गौशाला में जाकर गायों के बीच बांसुरी बजा रहे थे। उनके इस रूप को देखकर लोगों ने उन्हें लालू का कन्हैया कहना शुरू कर दिया था। यही नहीं, पीएम मोदी ने भी उनके इस रूप की चर्चा की थी। इसके बाद तेज प्रताप जब-जब मथुरा जाते हैं तो उनकी कृष्ण भक्ति की तस्वीरें खूब चर्चा बटोरती हैं।
पंसद हैं घोड़े की सवारी
तेज प्रताप को बांसुरी बजाने से लेकर पूजा पाठ के अलावा घोड़े की सवारी भी काफी पसंद है। दरअसल यह मामला इसी साल मार्च का है। वे अचानक बक्सर के ब्रह्मपुर के प्रसिद्ध फाल्गुनी मेला में घोड़ा खरीदने के लिए पहुंच गए। उनके आते ही समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई। हालांकि वे बिना किसी सूचना के पहुंचे। राजद के लोगों को भी तेजप्रताप के आने की जानकारी नहीं थी। जिस समय तेज प्रताप मेला में पहुंचे, उस समय घोड़ा रेस समाप्त हो गयी थी, लेकिन उनके आने की सूचना पाकर घोड़ा लेकर जानेवाले व्यापारी भी मेला में ठहर गए। वे चारों तरफ घूम-घूमकर घोड़े देखने लगे। इसके बाद कई घोड़ों पर चढ़कर बकायदा मैदान में उसे दौड़ाया और छलांग लगाकर चढ़ते देख लोगों को यकीन हो गया कि राजद नेता घोड़े के भी शौकीन हैं। अंत में राजस्थान के मारवाड़ के रोकड़ नस्ल का घोड़ा उन्हें पसंद आ गया। इसके बाद उस घोड़े पर चढ़कर कई बार मैदान में दौड़ लगाई और घोड़े की चाल को पसंद कर उजले रंग के मारवाड़ घोड़े को खरीद लिया।
और अंत में फिर वही तलाक का मामला
तलाक का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। सुनवाई होनी बाकी है। अब तक इस पर कोई समझौता नहीं हुआ है। जब भी समझौते की बात आती है, तेज प्रताप विरोध में खुद सामने आ जाते हैं। पिछले साल तेज प्रताप की शादी ऐश्वर्या राय से हुई थी। लेकिन छह माह बाद ही पटना के फैमिली कोर्ट में तेज प्रताप ने तलाक की अर्जी दे दी। इसके बाद अचानक यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में आ गया। केस की सुनवाई समय-समय पर हो रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है और खास बात यह कि तब से ऐश्वर्या भी कभी मीडिया के सामने नहीं आई है।
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