खाकी की दबंगई: 102 दिन जेल काटने के बाद निर्दोष साबित हुआ किशोर
बिहार में खाकी की दबंगई इस कदर है कि 102 दिन जेल काटने के बाद किशोर निर्दोष साबित हुआ। सोमवार को रिमांड होम से उसकी रिहाई हो सकती है।
पटना [जेएनएन]। मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर लूट व डकैती की साजिश रचने, बाइक चोरी एवं आर्म्स एक्ट के आरोप में जेल भेजे गए किशोर को 102 दिन बाद इंसाफ मिला। वरीय पुलिस अधिकारियों की जांच में किशोर निर्दोष पाया गया। शनिवार को एसएसपी मनु महाराज ने किशोर को न्यायिक हिरासत से मुक्त करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी। उम्मीद है कि सोमवार को कोर्ट पुलिस की अर्जी स्वीकार कर लेगी और किशोर रिमांड होम से रिहा हो जाएगा।
गौरतलब है कि बाइपास और अगमकुआं थानों की पुलिस की दबंगई के कारण 98 दिन तक वयस्कों के साथ बेउर जेल में रहा। जोनल आइजी नैयर हसनैन खान की रिपोर्ट के बाद किशोर को बुधवार की रात बेउर जेल से रिमांड होम में शिफ्ट किया गया था। अब परिजनों को उसके जल्द घर लौटने का इंतजार है।
दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलाने की सिफारिश
जोनल आइजी ने बताया कि पटना पुलिस ने कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 196 के तहत अर्जी लगाई है। इसके तहत बाइपास और अगमकुआं थानों के दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है। हालांकि एसएसपी ने किशोर पर दर्ज तीनों कांडों में अब तक सुपरविजन रिपोर्ट समर्पित नहीं की है।
दैनिक जागरण को धन्यवाद
किशोर के पिता ने 21 जनवरी से लगातार प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर न्याय दिलाने के लिए 'दैनिक जागरण' को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस यह बात अब तक मानने के लिए तैयार नहीं है कि बेटे को षड्यंत्र के तहत संगीन आपराधिक कांडों में जेल भेजने के पीछे का कारण मुफ्त में सब्जी नहीं देना था। हालांकि उन्हें किसी से कोई बैर नहीं है।
क्या है मामला
पत्रकार नगर थानान्तर्गत चित्रगुप्त नगर में रहने वाला एक परिवार अगमकुआं थाना क्षेत्र के महात्मा गांधी नगर में सब्जी की दुकान लगाकर जीवनयापन करता था। इसी परिवार का 14 वर्षीय किशोर माता-पिता के साथ दुकान लगाता था। किशोर को अगमकुआं थाने की पुलिस 19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे उसके घर से लेकर गई और तीन दिन बाद पता चला कि बाईपास थाने की पुलिस ने उसे लूट व डकैती की साजिश रचने में जेल भेज दिया गया।
जेल में मुलाकात करने पर किशोर ने पिता को बताया कि उसने अगमकुआं थाने के पुलिसकर्मियों को मुफ्त में सब्जी नहीं दी थी, इसलिए उसे लुटेरा बताकर जेल भेजा गया। उसे पुलिस हिरासत में बहुत पीटा गया और झूठ कबूल कराया।