शिक्षक हड़ताल: CM नीतीश से सशर्त वार्ता को तैयार हड़ताली शिक्षक, सरकार बोली- होगी कार्रवाई
बिहार में स्कूल शिक्षकों की हड़ताल का पठन-पाठन पर बड़ा असर पड़ा है। सरकार की चेतावनी के बावजूद शिक्षक झुकने को तैयार नहीं हैं। हां वे मुख्यमंत्री ने वार्ता के लिए तैयार हैं।
पटना, जेएनएन। नियोजित एवं प्राथमिक शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। हड़ताल खत्म करने की दिशा में सरकार की ओर से कोई पहल नहीं होने से शिक्षकों में आक्रोश है। हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। इस बीच माध्यमिक हड़ताली शिक्षक अब शर्त के साथ सरकार से वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। उधर, राज्य सरकार ने हड़ताल समाप्त नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दुहराई है।
इस बीच रविवार हड़ताली शिक्षक सभी विधायकों के आवास का उनके क्षेत्रों में घेराव करते हुए धरना दिया। हड़ताली शिक्षकों ने पटना में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के आवास का घेराव किया। इसके बाद वे पांच मार्च को सभी जिला मुख्यालयों पर आक्रोश मार्च निकालेंगे। इसके बाद भी सरकार शिक्षकों की मांगों को नहीं मानेगी तो जेल भरो अभियान या विधानसभा का घेराव किया जा सकता है।
पटना में घेरा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का घर
रविवार को नियोजित एवं प्राथमिक शिक्षकों ने विधायकों के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास का घेराव किया। पटना के राजेंद्र नगर स्थित सुशील मोदी के आवास के बाहर जमकर नारेबाजी की गई। बाद में सुशील मोदी के निजी सचिव ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सीएम नीतीश वार्ता करें तो शिक्षक संघ तैयार
बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने स्तर पर माध्यमिक, प्रारंभिक और वित्त रहित शिक्षकों के साथ वार्ता के लिए तैयार हो जाते हैं तो वे तैयार हैं, लेकिन सरकार को शिक्षकों की मांगों पर विचार करना होगा।
शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाइ को वापस ले सरकार
शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को पहले सभी शिक्षकों के विरुद्ध हुई निलंबन, मुकदमे एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई को वापस लेना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन और तेज होगा। शिक्षक संघर्ष समिति के आनंद मिश्रा, वंशीधर ब्रजवासी, आनंद कौशल एवं मार्कण्डेय पाठक ने कहा कि सरकार की शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई असंवैधानिक है। सरकार नियोजन इकाई में भी हस्तक्षेप कर रही है, जो नियमों के प्रतिकूल है।
हड़ताल से 76 हजार प्रारंभिक स्कूलों में पठन-पाठन ठप
शिक्षक संघ ने माना कि हड़ताल से 76 हजार प्रारंभिक स्कूलों में पठन-पाठन ठप है। ऐसे में बच्चे बिन पढ़े परीक्षा देंगे। हड़ताल के कारण राज्य के 76 हजार स्कूलों में पठन-पाठन ठप है। इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है।
कॉलेज शिक्षकों को इंटर मूल्यांकन से अलग करने की मांग
इस बीच सरकार ने इंटर कॉपियों के मूल्यांकन कार्य में कॉलेज शिक्षकों को लगाया है। इससे कॉलेजों में पठन-पाठन ठप है। कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस के प्राचार्य डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने प्रशासन को पत्र लिखकर कक्षाएं चलाने के लिए कुछ शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से अलग रखने की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने दी चेतावनी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने चेतावनी दी है कि सरकार शैक्षणिक माहौल खराब करने और मूल्यांकन बाधित करने वालों को माफ नहीं करेगी। समान वेतनमान की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश ने भी दो-टूक कहा है कि किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं मिलेगा।