कलाकारों से लें बढ़ती उम्र में भी काम करने की प्रेरणा
इतनी उम्र गुजर जाने के बाद भी आप लोगों ने कला से रिश्ता बनाए रखा है यह बहुत बड़ी बात है
पटना। इतनी उम्र गुजर जाने के बाद भी आप लोगों ने कला से रिश्ता बनाए रखा है, यह बहुत बड़ी बात है। हमें इनसे सीख लेने की जरूरत है। यह हम सभी के लिए गौरव का विषय है कि पटना को आप दोनों जैसा कलाकार मिला। उक्त बातें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने कैनवास और बोधगया बिनाले की ओर से कला के क्षेत्र में आनंदी प्रसाद बादल और पद्मश्री प्रो. श्याम शर्मा के जीवन भर के योगदान को देखते हुए आयोजित सम्मान समारोह में कहीं। पटना आर्ट कॉलेज में समकालीन कला पर कहा कि सरकारी कर्मचारी सोचते हैं कि कब 60 वर्ष पूरा हो और आराम करें। लेकिन इन दोनों कलाकारों को देखकर हमेशा काम करने की प्रेरणा मिलती है।
पटना आर्ट कॉलेज के प्राचार्य अजय कुमार पांडेय ने कहा कि पटना आर्ट कॉलेज एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। हर कोई अपने स्तर से इसके विकास में सहयोग करें। बोधगया बिएनाले के निदेशक विनय कुमार ने कहा कि हर संस्करण के समय हम दो बड़े कलाकारों को सम्मान दें। इसकी शुरुआत हम तीसरे संस्करण से कर रहे हैं। आनंदी प्रसाद बादल और प्रो. श्याम शर्मा जैसे कलाकार इतनी उम्र में भी जो कार्य कर रहे हैं वह हमारे लिए प्रेरणा है। छापा कला का काम हासिये पर है। ऐसे में प्रो. श्याम शर्मा ने अपना जीवन इसमें लगा दिया। चित्रकार आनंदी प्रसाद बादल ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि आर्ट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो श्याम शर्मा को पद्मश्री सम्मान मिला। हम कलाकारों के बीच वे हमेशा उपस्थित रहते हैं। पद्मश्री प्रो. श्याम शर्मा ने कहा कि पिछले बोधगया बिएनाले के संस्करण में मेरे भी चित्र लगे थे। मेरा सम्मान पूरे बिहार का सम्मान है। इस क्षेत्र में मेरे अनवरत लगे रहने का सम्मान है। आलोक धन्वा ने कहा कि आपके अंदर क्या अच्छी चीजें हैं उसे बाहर निकालना होगा। खड़ी बोली खत्म होते जा रही है। हिदी कठिन है। हिदी से कठिन है चीनी भाषा। हमलोग पेंटिंग और संगीत से भी दूर होते जा रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन मिथिलेश मिश्रा ने किया।