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आका पर शिकंजा कसते ही तबरेज ने बदल दी थी क्राइम की प्रवृति

एक दौर में तबरेज आलम उर्फ तब्बू जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का सबसे खास था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 11:00 AM (IST)
आका पर शिकंजा कसते ही तबरेज ने बदल दी थी क्राइम की प्रवृति
आका पर शिकंजा कसते ही तबरेज ने बदल दी थी क्राइम की प्रवृति

पटना । एक दौर में तबरेज आलम उर्फ तब्बू जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का सबसे खास था। पूर्व सांसद के साथ नाम जुड़ने से तब्बू किसी पहचान का मोहताज नहीं था और उसके नाम का खौफ था। अपराध जगत से लेकर राजनीति के गलियारों में इसकी अच्छी दखल थी। बंगाल, झारखंड, यूपी से लेकर बिहार में अपहरण और अन्य कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका तबरेज कुछ साल से रीयल स्टेट के कारोबार में जुट गया था। लखनऊ में उसकी खुद की शॉपिंग मॉल है। पटना के पॉश इलाकों में बिल्डरों ने मदद करने के नाम पर कई फ्लैट उसे दिए थे। जहानाबाद निवासी तबरेज आलम तब्बू एक्जीबिशन रोड में एक भव्य फ्लैट में पत्‍‌नी और बच्चों के साथ रहता था। मो. शहाबुद्दीन पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद तबरेज ने अपना रास्ता बदल दिया। लेकिन, इस दौरान इसके दुश्मनों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि वह कभी भी अकेला नहीं रहता था। यहां तक की घर पर निजी सुरक्षागार्ड तैनात कर रखा था। तब्बू विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटा था।

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रेस्टोरेंट मालिक से मांगी थी दो करोड़ की रंगदारी

वह काफी दिनों तक पहचान छिपाकर पटना के फ्रेजर रोड स्थित ग्रांड चंद्रा अपार्टमेंट में रह रहा था। इसने खुद का ऑल इंडिया आतंकवाद विरोधी मुस्लिम मोर्चा बनाया था, जिसमें बिहार स्टेट का को-ऑर्डिनेटर बना था। साल 2001 में इसने पटना के डॉ. रमेश चंद्र के अपहरण में बड़ी भूमिका निभाई थी। उसी साल धनबाद में विधायक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद 2003 में इसने अश्वनी गुप्ता का अपहरण किया था। पटना सिटी के मनोज कमलिया हत्याकांड में भी तबरेज का नाम सामने आया था। पश्चिम बंगाल में बैंक डकैती की घटना को भी अंजाम दे चुका था। जहानाबाद में ही विक्की ज्वेलर्स के मालिक के घर पर भी जबरन कब्जा कर चुका था। पिछले साल दिसंबर में जहानाबाद के जायका रेस्टोरेंट के मालिक से फोन पर दो करोड़ की रंगदारी मांगी। धनबाद में तबरेज आलम ने कुछ साल पहले एक एमएलए की हत्या के लिए दो करोड़ की सुपारी ली थी। तबरेज वहां अपने खास गुर्गो सलमान के साथ गया था, जहां एमएलए बच गए, मगर ये दोनों स्थानीय लोगों के हाथ लग गए। पुलिस ने इनकी जान बचाई और थाने लाई। एक साल पहले सलमान जेल से छूटा है। फिर उसने पटना में ही एक इंस्पेक्टर की बेटी से प्रेम विवाह कर लिया। फुलवारीशरीफ से अच्छा खासा संबंध था और यहां कई विवादित जमीन भी इसने ले रखी थीं। पुलिस की मानें तो फुलवारी के नौसा में एक प्लॉट पर तबरेज और डब्लू मुखिया दोनों की नजर थी।

धनबाद के वासेपुर से भी है तबरेज का नाता

तबरेज उर्फ तब्बू आतंक का दूसरा नाम था। हिन्दी फिल्म अपहरण में एक किरदार का नाम तबरेज था। तब्बू ने इस फिल्म से तबरेज नाम हटाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। धनबाद जिस वासेपुर पर गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म बनी है, उस वासेपुर में भी मो. तबरेज का कनेक्शन था। जनवरी 2004 में धनबाद के वासेपुर में फहीम खान के घर पर एके-47 से हमला किया गया था। उसमें तब्बू भी शामिल था। उसे वासेपुर के शब्बीर ने बुलाया था। इसी क्रम में पुलिस मुठभेड़ हुई और तब्बू का एक साथी मारा गया।

न्यू मार्केट से रखा था अपराध की दुनिया में कदम

तीन भाइयों में यह सबसे छोटा भाई था। एक भाई की मौत सड़क हादसे में छह साल पूर्व जहानाबाद-पटना मार्ग पर हो गई, जबकि दूसरा भाई जहानाबाद में ही कोचिंग चलाता है। तबरेज ने वर्ष 1989 में पटना न्यू मार्केट में जिंदगी की पहली आपराधिक घटना को अंजाम दिया। हत्या के बाद वह पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इसके बाद पूरा एक गैंग बना लिया और सब कुछ इसके इशारे पर होता रहा। इसके नाम से पटना, जहानाबाद, गया, बिहारशरीफ, धनबाद से लेकर कोलकाता और यूपी के कुछ जिलों में भी खौफ था। एक समय में सिवान सहित कई जिलों के एमपी इसके खास हुआ करते थे। पटना का कुख्यात सुलतान मियां व दुर्गेश शर्मा इनको गुरु मानते थे। इन सभी का ठिकाना वर्ष 1990 से लेकर 2000 तक एक राज्य मंत्री का घर था। पिछले विधानसभा चुनाव में वह एक पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार कर रहा था। उसका इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ने का इरादा था।

यूपी में एक दबंग विधायक से था गहरा लगाव

पटना के कई ऐसे बिल्डर हैं जो तबरेज के लिए ही काम करते हैं। सभी से इसकी साझेदारी थी। उसने पटना के नामचीन इलाके में फ्लैट का निर्माण भी किया है। दीघा में भी भव्य फ्लैट का निर्माण वह करा रहा था। उत्तरप्रदेश के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी से भी तबरेज आलम का गहरा लगाव था। एक्जीबिशन रोड में इसका अपना फ्लैट था, जहां इसने अपना कार्यालय भी बना रखा था। जहानाबाद से चुनाव लड़ने वाले कई सफेदपोश इससे मदद लेते थे। इसके कार्यालय पर चौबीस घंटे पहरेदार रहते थे। इसके फ्लैट में कोई भी बाहरी या दोस्त का प्रवेश नहीं कर सकता था। इसकी एक बेटी नामी स्कूल में पढ़ती है। फेसबुक पर वह अक्सर अपनी बेटी की तस्वीर शेयर किया करता था।

नमाज के समय ही दूर रहते थे सुरक्षा गार्ड

पटना सीटी, सब्जीबाग, फुलवारी शरीफ में भी इसने कई विवादित प्लॉट ले रखे थे। पटना, जहानाबाद, बिहारशरीफ, धनबाद में इसके नाम की दुकान सजती है। घर से निकलने के दौरान तबरेज के साथ चार से पांच गाड़ियां आगे-पीछे चलती थीं और सभी वाहनों में उसकी सुरक्षा के लिए निजी गार्ड होते थे। पुलिस की छानबीन में पता चला कि वह हर दिन कोतवाली के मस्जिद में नमाज अदा करने आता था। उसकी गाड़ी कोतवाली गेट के पास खड़ी रहती थी। नमाज के समय जब वह कोतवाली आता था, अकेला रहता था। शुक्रवार को भी वह अकेले आया था। कोतवाली के पास एक दुकानदार ने बताया कि तबरेज के साथ कुछ दिन पहले वर्दी में सुरक्षा गार्ड भी आते थे, जो गाड़ी में ही बैठे रहते थे। पिछले कुछ दिन से उसके साथ कोई नहीं आ रहा था।


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