सुशील मोदी ने 15 मई से बिहार में NPR शुरू करने की बात कही, तो श्याम रजक ने जताई आपत्ति
बिहार एनपीआर पर नीतीश सरकार में शामिल भाजपा व जदयू आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं। सुशील मोदी ने बिहार में 15 मई से इसे शुरू करने की बात कही तो श्याम रजक ने आपत्ति जताई।
पटना, जेएनएन। बिहार एनपीआर पर नीतीश सरकार में शामिल भाजपा व जदयू आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन को लेकर देश में हो रहे बवाल को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों पर कड़ा हमला बोला। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एनपीआर 15 मई से शुरू होगा और 28 मई के बीच इसे पूरा कर लिया जाएगा। इस पर नीतीश सरकार में शामिल मंत्री श्याम रजक ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि पहले एनपीआर कैबिनेट में आए तब न। इसे लेकर बिहार में अभी एनडीए में शामिल दलों की बैठक भी नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जातीय जनगणना को क्यों नहीं शामिल की जाए।
दरअसल, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए इसे लेकर विपक्ष पर हमला किया। साथ ही कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि केरल हो या बंगाल वहां की सरकारों को भी नागरिकता संशोधन कानून लागू करना होगा। उन्होंने तत्कालीन गृहमंत्री चिदम्बरम की एनपीआर व एनआरसी की वकालत करते एक दशक पुरानी वीडियो क्लिपिंग दिखाई। मार्च 2010 में एनपीआर बनाने के भारत सरकार के फैसले की गजट अधिसूचना दिखाते हुए मोदी ने कहा कि उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी।
मोदी ने कहा यूपीए सरकार के दौरान 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर बनाने का काम हुआ। 2015 में इसे आधार से जोड़कर अपडेट किया गया। 2020 में इसे जनगणना के साथ ही अपडेट किया जा रहा है। यूपीए सरकार के 2010 के एनपीआर को ही अपडेट किया जा रहा है। नया रजिस्टर तैयार नहीं हो रहा है। यह जनगणना का ही एक हिस्सा है, जिसे कोई राज्य इनकार नहीं कर सकता। लोगों से कोई कागज या दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। बिहार में यह काम 15 से 28 मई के बीच होगा। अलग-अलग राज्यों में इसके लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित हैं। ममता बनर्जी या पी विजयन जैसे मुख्यमंत्री की हिम्मत नहीं जो इसे रोक दे। इस कार्य से इनकार करने पर सजा का प्रावधान है।
उपमुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस और वामपंथी नेताओं के विरोध पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि 18 दिसंबर 2003 में नेता प्रतिपक्ष मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में और 25 अप्रैल 2012 को माकपा नेता वासुदेव आचार्य ने लोकसभा में बांग्लादेश से आए हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता देने की जोरदार वकालत की थी।
उधर, मंत्री श्याम रजक ने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का काफी सम्मान करता हूं, लेकिन एनपीआर से संबंधित बयान उपमुख्यमंत्री का व्यक्तिगत हो सकता है। उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि अभी तो यह बिहार कैबिनेट में भी नहीं आया है। पहले कैबिनेट में तो आए, इसके बाद इस पर कोई निर्णय होगा। उनहोंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। श्याम रजक ने यह भी कहा कि इसे लेकर बिहार में एनडीए के घटक दलों की भी कोई बैठक नहीं हुई है।