सुशील मोदी बोले- योगी की लोकप्रियता से डरी सरकार ने कवयित्री अनामिका जैन अंबर पर दिखायी तानाशाही
Bihar Politics कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने आरोप लगाया है कि उन्हें सोनपुर मेले में काव्यपाठ करने से रोका गया। इसके बाद भाजपा ने बिहार सरकार पर सियासी वार किया है। बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कवयित्री को सम्मानित करने की बात कही है।
राज्य ब्यूरो, पटना । मशहूर कवयित्री अनामिका जैन अंबर को सोनपुर मेले में काव्यपाठ से रोके जाने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसको लेकर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। बीजेपी से राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मामले को लेकर बिहार सरकार को घेरने की कोशिश की है।
अनामिका अम्बर को सम्मानित करेगी भाजपा
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सोनपुर मेला में आमंत्रित कवियित्री अनामिका अम्बर को काव्य-पाठ से रोक कर नीतीश सरकार ने दिनकर की धरती पर हिंदी कविता, स्त्री और अभिव्यक्ति की आजादी का जैसा तिहरा अपमान किया। इस घटना का कलंक धोने के लिए भाजपा जल्द ही अनामिका अम्बर के काव्य पाठ का आयोजन कर उन्हें सम्मानित करेगी।
सरकार पर किया हमला
उन्होंने कहा कि अनामिका ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों, देशविरोधी ताकतों और हर तरह के माफिया पर कानून के शासन का बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनभावना को वाणी देने वाले कुछ गीत लिखे हैं, जिसे नीतीश कुमार का अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सका। 22 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्य यूपी में योगी कुशल शासन देकर दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे हैं। ऐसे निर्वाचित मुख्यमंत्री के सम्मान में कविता लिखना क्या अपराध है? योगी की लोकप्रियता से नीतीश कुमार डर गए हैं। आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने जनकवि नागार्जुन को जेल में डाला था। उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले नीतीश-लालू की सत्ता आज युवा कवियित्री को मंच से उतार रही है।
कवयित्री ने वीडियो जारी कर लगाए आरोप
मशहूर कवयित्री अनामिका जैन अंबर को सोनपुर मेले में काव्यपाठ से रोके जाने का मामले में जिला प्रशासन का दावा है कि उन्हें कवयित्री के कार्यक्रम की पूर्व सूचना नहीं थी। हालांकि, प्रशासन के दावों की पोल कार्यक्रम के एक कार्ड ने खोल दी है। वहीं कवयित्री ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर यह आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने उन्हें मंच पर चढ़ने से रोक दिया। इस कारण अन्य कवियों ने भी कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।