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बिहार बजट: जेटली की राह पर मोदी, जनता पर नहीं डाला बोझ

बिहार के बजट में आम जनता पर कोई बोझ नहीं डाला गया है। वित्‍त मंत्री शुशील मोदी ने माना कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्‍स में बढ़ोतरी आसान नहीं है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 27 Feb 2018 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 10:20 PM (IST)
बिहार बजट: जेटली की राह पर मोदी, जनता पर नहीं डाला बोझ
बिहार बजट: जेटली की राह पर मोदी, जनता पर नहीं डाला बोझ

पटना [सुभाष पांडेय]। देश में जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के वित्तमंत्री सुशील मोदी के हाथ बंध गए हैं। यही वजह है कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली की राह पर चलते हुए उन्होंने जनता पर कोई बोझ नहीं डाला है। अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव का भी ध्यान रखा है। नीतीश के सात निश्चय का भी।

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मोदी ने स्वीकार किया कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी वित्तमंत्री के लिए टैक्स बढ़ाना आसान नहीं रह गया है। सरकार का अनुमान है कि इस वर्ष जीएसटी से 20 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि एक्साइज खत्म हो गया। ऐसे में परिवहन और रजिस्ट्रेशन से कितना राजस्व बढ़ता, इसलिए अभी जनता पर कोई बोझ नहीं डाला गया है।

मोदी ने राज्य के बजट में हर वह उपाय किया है जिससे केंद्र सरकार से अधिक अधिक सहायता लेकर बिहार को महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश जैसे विकसित राज्यों की कतार में खड़ा किया जा सके। मसलन, राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश की गई। वित्त मंत्रालय और नीति आयोग राज्य सरकारों पर इस बात को लेकर दबाव देता रहा है कि राजकोषीय घाटे को तीन प्रतिशत से कम किया जाए। मोदी ने इसे 2.17 प्रतिशत तक लाने का अनुमान किया है।

बजट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने बजट को वास्तविकता के करीब लाने की कोशिश की है। पिछले साल बजट में सरकार ने वाणिज्य कर से करीब 25 हजार करोड़ रुपये प्राप्त करने का अनुमान लगाया था। यही वजह है कि सरकार अपने कर राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी। सरकार को करीब 3.12 प्रतिशत कम राजस्व का अनुमान है। पेंशन मद में पिछले साल 19877 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया गया था। इस बार इस पर खर्च का प्रावधान बीस प्रतिशत घटाकर 15828 करोड़ किया गया है। वित्तमंत्री  ने स्वीकार किया कि अवास्तविक आकलन से बाद में परेशानी होती है, इसलिए बजट में इससे बचने की कोशिश की गई है।

मोदी ने स्वीकार किया कि बजट में गांव और गरीब पर विशेष फोकस है। कृषि रोड़ मैप और किसानों के लिए बिजली फीडर के लिए अलग से 6324 करोड़ के प्रावधान के पीछे सरकार की मंशा यही है कि खेती से आमदनी बढ़ेगी तो इससे राज्य का तेजी से विकास होगा।


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