सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 14 साल तक राजनीतिक स्थिरता रही और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य का प्रारम्भिक विकास हुआ। 1961 में श्री बाबू की मृत्यु के बाद अस्थिरता भ्रष्टाचार और कुशासन के चलते बिहार लगातार पिछड़ता गया।
By Raman ShuklaEdited By: Yogesh SahuWed, 22 Mar 2023 09:49 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने बिहार दिवस (22 मार्च) पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और अपील कि लोग राजनीतिक स्थिरता लाने और दस साल में विकसित राज्य बनाने का संकल्प लें।
मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 14 साल तक राजनीतिक स्थिरता रही और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य का प्रारम्भिक विकास हुआ।
उन्होंने कहा कि 1961 में श्री बाबू की मृत्यु के बाद अस्थिरता, भ्रष्टाचार और कुशासन के चलते बिहार लगातार पिछड़ता गया।
1961 से 1990 तक 29 साल में यहां 23 मुख्यमंत्री आए-गए और राष्ट्रपति शासन भी लगता रहा। इससे विकास बाधित हुआ।
1990 में ऐसी सरकार आई, जिसने बीस साल राज करने के इरादे से अपराध और भ्रष्टाचार का खुलकर राजनीतिकरण किया, लेकिन विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उस दौर में बिहारी कहलाना शर्म की बात हो गई थी।
उन्होंने कहा कि भले ही एक सरकार 20 साल राज नहीं कर सकी, लेकिन 15 साल में ही उसने राज्य को 50 साल पीछे धकेल दिया।
2005 में जब एनडीए सरकार आई, तब विकास पटरी पर लौटा था। उस दौर में अपराध पर कठोर नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन, भ्रष्टाचार पर अंकुश, ढांचागत विकास में भारी निवेश और उच्च शिक्षा के नए संस्थान खुलने से बिहारी अस्मिता का पुनर्जागरण हुआ।
बिहार दिवस मनाने की शुरुआत भी उसी दौर में हुई थी। अब दुर्भाग्यवश, कुछ लोगों की पीएम-सीएम बनने की महत्वाकांक्षाएं इतनी भारी पड़ीं कि बिहार फिर अस्थिरता के भंवर में फंस गया।