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Surya Grahan 2021: आखि‍री सूर्यग्रहण पर राहु-केतु रहेंगे वक्री, जानिए इनके कुप्रभाव से बचने के उपाय

Surya Grahan 2021 इस वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण चार दिसंबर को लगने वाला है। पंचांग के अनुसार इस ग्रह के दिन राहु और केतु ग्रह वक्री रहेंगे। इसका मानव जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। इनका अशुभ प्रभाव कुछ उपायों से दूर किया जा सकता है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 01:24 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 01:24 PM (IST)
Surya Grahan 2021: आखि‍री सूर्यग्रहण पर राहु-केतु रहेंगे वक्री, जानिए इनके कुप्रभाव से बचने के उपाय
चार दिसंबर को लगेगा 2021 का आखिरी सूर्यग्रहण। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, आनलाइन डेस्‍क। वर्ष 2021 का अंतिम सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) चार दिसंबर (04 Dec 2021) को लग रहा है। पंचांग के अनुसार इससे पहले इसी वर्ष 10 जून को सूर्यग्रहण था। ज्‍योतिषीय दृष्‍टि‍कोण से इस खगोलिय घटना का काफी महत्‍व है। क्‍योंकि ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। मेष से लेकर मीन राशियों तक किसी पर शुभ तो किसी पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है। अंतिम सूर्यग्रहण कार्तिक महीने की अमावस्‍या ति‍थि (चार दिसंबर) को लगेगा। पंचांग के अनुसार 04 दिसंबर को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, आस्‍ट्रेलिया, अटलांटिक के दक्षिणी भाग और दक्षि‍ण अमेरिका में दिखाई देगा। इस कारण भारत में अंतिम सूर्यग्रहण में सूतक काल मान्‍य नहीं होगा। क्‍योंकि यह उपछाया ग्रहण होगा। सूतक काल पूर्ण ग्रहण होने पर ही मान्‍य होता है। उपछाया या आंशिक सूर्यग्रहण में सूतक के नियम अनिवार्य नहीं होते। 

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राहु और केतु वक्री, चंद्रमा और बुध रहेंगे अस्‍त  

ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान चंद्रमा और बुध अस्‍त रहेंगे। वहीं राहु और केतु वक्री रहेंगे। मान्‍यता है कि राहु और केतु के कारण ही ग्रहण लगता है। ये दोनों पाप ग्रह के साथ ही मायावी ग्रह भी माने जाते हैं। अंतिम सूर्यग्रहण के समय राहु वृष में और केतु वृश्चिक राशि में रहेगा। ऐसे में वृश्चिक पर इसका ज्‍यादा असर दिखेगा। वृश्चिक में ही बुध, चंद्रमा और सूर्य भी रहेंगे। इस कारण चार ग्रहों की युति बनने से इसका ज्‍यादा प्रभाव पड़ेगा। 

राहु और केतु अशुभ तो पारिवारिक जीवन पर पड़ता है प्रभाव 

छाया ग्रह राहु और केतु का ज्‍योतिषीय दृष्टिकोण से महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। कुंडली में इनकी अशुभ स्थिति इंसान के जीवन में तनाव, कष्‍ट और असफलता लेकर आती है। इसके बुरे प्रभाव से व्‍यक्ति ऐसे निर्णय लेने लगता है, जिसका परिवार पर खराब असर पड़ता है। दुर्गापूजा से इन ग्रहों की अशुभ स्थिति को कम किया जा सकता है। नाग पर नाचते कृष्‍ण की तस्‍वीर सामने रखकर प्रतिदिन 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ओम नम: शिवाय मंत्र भी काफी प्रभावी माना जाता है। मंत्र का जाप रात के समय बेहतर प्रभाव देता है। कन्‍या दान करने से राहु और गो दान से केतु का अशुभ प्रभाव खत्‍म होता है। हल्‍के गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से भी फायदा होता है। गरीबों को दान देना भी शुभ फलदायक है। 


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