Move to Jagran APP

सूरदास के गाए गीत श्रोताओं को आते रास

महाकवि संत सूरदास जी ²ष्टिहीन थे। उन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति की। आज उनकी जयंती मनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 01:42 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 01:42 AM (IST)
सूरदास के गाए गीत श्रोताओं को आते रास

जासं, पटना : महाकवि संत सूरदास जी ²ष्टिहीन थे। उन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति की। कविताएं, गीत व दोहों की रचना की। श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन संत सूरदास जी को दिव्य ²ष्टि प्राप्त थी। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं पर उनकी रचनाएं आज भी जीवंत हैं। उनकी रचनाओं को आज के सूरदास कलाकार गाने के साथ ईश्वर की महत्ता व जीवन की सत्यत्ता से श्रोताओं को रूबरू कराते हैं। इनके गीत व भजन श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। सोमवार को उनकी जयंती मनाई जाएगी। संत सूरदास जी की जयंती पर शहर के सूरदास गायकों से बातचीत पर रिपोर्ट.. आल्हा-उदल के व्यक्तित्व को गीतों के जरिए करते बयां

loksabha election banner

आकाशवाणी पटना के ए ग्रेड गायक सुरेंद्र राम ²ष्टिहीन हैं। वे गीतों के जरिए श्रोताओं का दिल जीतने के साथ मंचों की शोभा बढ़ाते हैं। वे मूल रूप से रोहतास के रहने वाले हैं। सुरेंद्र राम की मानें तो गांव-देहात में संत सूरदास जी, कबीर व तुलसी आदि के भजन गाने के साथ बुंदेलखंड के वीर योद्धा व मां शारदे के भक्त आल्हा-ऊदल की वीरता की कहानी गीतों के जरिए बयां करते रहे हैं। सुरेंद्र 1995 से पटना आकाशवाणी से जुड़े। कार्यक्रम में मूल रूप से आल्हा-ऊदल की कहानियों को गीतों के जरिए श्रोताओं तक पहुंचाते हैं। बिहार सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। भोजपुरी लोकगीतों की महत्ता बताते हैं गोपाल पासवान

रेडियो कलाकार गोपाल पासवान भी ²ष्टिहीन हैं। गोपाल भी मूल रूप से रोहतास जिले के सासाराम के रहने वाले हैं। गोपाल पासवान बताते हैं कि बीते 30 वर्षो से आकाशवाणी के लिए भजन व लोकगीत गाते रहे हैं। वे आकाशवाणी में बी ग्रेड कलाकार हैं। अपने गायन से भोजपुरी लोकगीतों की महत्ता को बयां करते हैं। गीत गाने के साथ इसकी रचना भी करते हैं। पर्यटन विभाग व कला संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न मंचों पर गीत पेशकर श्रोताओं का दिल जीत लेते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.