नाव पलटने पर 17 को SDRF ने निकाला, तीन को बचाने कमर में रस्सी बांध कूद गया युवक, बचा ली जान Patna News
पटना में गुरुवार को एक युवक की बहादुरी से तीन लोगों की जान बच गई। खुद डीएसपी डॉ. राकेश कुमार व थानाध्यक्ष पीके चौधरी ने युवक के हौसले और साहस सराहना की है।
By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 11:41 AM (IST)
पटना, जेएनएन। राजधानी के दीघा इलाके में रहने वाले सूरज (25) ने जो काम किया उसके बारे में सोचकर भी लोग डर जाएं। गुरुवार को सूरज ने अपनी जान जोखिम में डालकर तीन लोगों की जिंदगी बचाई। वह रस्सी के सहारे 150 फीट नीचे गया और नदी में डूब रहे तीन लोगों को सकुशल बाहर निकाला। मौके पर मौजूद डीएसपी (विधि-व्यवस्था) डॉ. राकेश कुमार व थानाध्यक्ष पीके चौधरी ने सूरज के हौसले और साहस सराहना की।
जानकारी के अनुसार सोनपुर की तरफ से एक नाव बालू लेकर दीघा की ओर आ रही थी। उस पर 20 लोग सवार थे। जेपी सेतु के पाया नंबर-पांच से टकराकर नाव पलट गई और लोग डूबने लगे। सूचना मिलते ही थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। एसडीआरएफ ने खनन विभाग की नाव से डूब रहे 17 लोगों को विभिन्न घाटों पर पहुंचकर बचा लिया। जबकि तीन लोग नदी में पिलर से लटककर फंसे रहे।
इनमें सालिमपुर कला दियारा निवासी पंचानन राय व गोपाल राय और मोकामा वार्ड नंबर-पांच निवासी राम प्रवेश निषाद थे। तीनों जान बचाने के लिए पाया को पकड़कर नदी में लटक रहे थे। सूरज भी मूकदर्शक बनकर बचाव कार्य को देख रहा था। उसने पुलिस से रस्सी का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद सेतु के ऊपर से गुजर रही रेलवे लाइन पर चला गया। रस्सी का एक छोर रेल की पटरी और दूसरी अपनी कमर में बांधा, फिर पाया के सहारे 150 फीट नीचे तक चला गया। बारी-बारी से उसने पंचानन, गोपाल और राम प्रवेश को ऊपर लाकर बचा लिया। अगर सूरज ने सही समय पर पुलिस का साथ नहीं दिया होता तो तीनों की जान खतरे में आ जाती।
जानकारी के अनुसार सोनपुर की तरफ से एक नाव बालू लेकर दीघा की ओर आ रही थी। उस पर 20 लोग सवार थे। जेपी सेतु के पाया नंबर-पांच से टकराकर नाव पलट गई और लोग डूबने लगे। सूचना मिलते ही थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। एसडीआरएफ ने खनन विभाग की नाव से डूब रहे 17 लोगों को विभिन्न घाटों पर पहुंचकर बचा लिया। जबकि तीन लोग नदी में पिलर से लटककर फंसे रहे।
इनमें सालिमपुर कला दियारा निवासी पंचानन राय व गोपाल राय और मोकामा वार्ड नंबर-पांच निवासी राम प्रवेश निषाद थे। तीनों जान बचाने के लिए पाया को पकड़कर नदी में लटक रहे थे। सूरज भी मूकदर्शक बनकर बचाव कार्य को देख रहा था। उसने पुलिस से रस्सी का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद सेतु के ऊपर से गुजर रही रेलवे लाइन पर चला गया। रस्सी का एक छोर रेल की पटरी और दूसरी अपनी कमर में बांधा, फिर पाया के सहारे 150 फीट नीचे तक चला गया। बारी-बारी से उसने पंचानन, गोपाल और राम प्रवेश को ऊपर लाकर बचा लिया। अगर सूरज ने सही समय पर पुलिस का साथ नहीं दिया होता तो तीनों की जान खतरे में आ जाती।
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