चारा घोटाला केस फरवरी 2018 तक निष्पादित करने का निर्देश
उमाकांत वर्मा, पटना । सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला केस को फरवरी 2018 तक निष्पादित करने
उमाकांत वर्मा,
पटना । सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला केस को फरवरी 2018 तक निष्पादित करने का निर्देश दिया है। निर्देश की प्रति पटना की सीबीआई की विशेष अदालत में पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार यह निर्देश बिहार और झारखंड में चल रहे चारा घोटाला के सभी मुकदमों के लिए जारी किया गया है। इसी निर्देश के आलोक में पटना की विशेष अदालत में प्रतिदिन गवाही हो रही है। मामले में सीबीआइ के 267 गवाह हैं। अभी केवल 43 गवाहों के ही बयान कलमबंद हुए हैं। गवाही 2010 से शुरू हुई थी। जारी निर्देश के बाद सीबीआइ गवाही जल्द मुकम्मल कराने के लिए समीकरण तैयार करने में जुट गई है।
सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ इस बात पर ध्यान दे रही है कि चारा घोटाले मामले से जुड़ी एक ही बात के लिए कई गवाह हैं तो उनमें से कुछ गवाहों की गवाही को छोड़ा भी जा सकता है। शर्त यह होगी कि छोड़े जाने वाले ऐसे गवाहों की गवाही नहीं होने से केस पर कोई फर्क न पड़े। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिये विशेष अदालत व सीबीआइ के पास करीब साढ़े पांच महीने का समय बचा है।
पूर्व सांसद आरके राणा व उनकी पत्नी के खिलाफ भी आय से अधिक करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का मामला विशेष अदालत में चल रहा है। यह मामला भी चारा घोटाले से ही अलग होकर निकला है। विदित हो कि चारा घोटाला आरसी 63(ए)/ 1996 भागलपुर व बांका कोषागार से जुड़ा है। मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा सहित 29 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं। करीब 15 आरोपितों की मृत्यु ट्रायल के दौरान हो चुकी है। इस घोटाले में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर जानवरों के इलाज के लिए दवा सप्लाई का फर्जी ऑर्डर दिया गया था। दवा सप्लाई ही नहीं हुई और रुपये कोषागार से निकाल लिए गए थे।