अवैध अर्जित संपत्ति डीएम को करें सुपुर्द : विजिलेंस जज
विजिलेंस की विशेष अदालत ने बुधवार को पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव एवं परिजनों को अवैध रूप से अर्जित संपत्ति पटना डीएम को सौंपने को कहा।
पटना : विजिलेंस की विशेष अदालत ने बुधवार को पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव देवेन्द्र प्रसाद व उनके परिजनों को अवैध रूप से अर्जित आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति को एक महीने के अंदर पटना के जिलाधिकारी को सुपुर्द करने का आदेश दिया। विशेष जज विपुल सिन्हा ने डीएम को आदेश दिया कि यदि देवेन्द्र व उनके परिजन स्वयं इस अवधि में अवैध अर्जित संपत्ति सुपुर्द नहीं करते हैं तब आप समयसीमा समाप्त होते ही उसे जब्त कर लें। मामले में निगरानी की ओर से विजिलेंस के विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बहस की।
विशेष लोक अभियोजक के अनुसार देवेन्द्र ने एक करोड़ 30 हजार रुपये की आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति 17 जून 1980 से 20 नवम्बर 2013 के बीच अपने व अपनी दोनों पत्नियों दुलारी व कोमल तथा अपने अनेक सगे-संबंधियों के नाम पर खरीदीं। देवेन्द्र ने पटना के बेउर इलाके में जमीन व मकान तथा बांका के विजय नगर में जमीन व मकान खरीदा। कुमारी सीमा के नाम से चार चक्का गाड़ी खरीदी।
विशेष लोक अभियोजक के अनुसार विशेष निगरानी इकाई ने देवेन्द्र के खिलाफ 20 नवम्बर 2013 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। निगरानी ने मामले में वर्ष 2015 में आरोपपत्र दायर किया था। देवेन्द्र ने 1980 में बिहार प्रशासनिक सेवा से नौकरी की शुरुआत की थी।
ज्ञात हो कि इसके पूर्व इस अदालत से पूर्व डीजीपी नारायण मिश्रा, पूर्व आइएएस अधिकारी एसएस वर्मा सहित 22 के खिलाफ अवैध अर्जित संपत्ति को जब्त करने का आदेश हो चुका है। कई की संपत्ति जब्त हो चुकी है। जब्त मकानों में राज्य सरकार के स्कूल चल रहे हैं।