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बिहार के ग्रामीण इलाके के छात्रों ने शहरी क्षेत्र के लड़कों को छोड़ा पीछे, पिछड़ा वर्ग को सबसे ज्‍यादा लाभ

पिछड़े वर्ग के बच्‍चों को मिल रहा सबसे ज्‍यादा स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड का फायदा। 59.30 फीसद पिछड़े वर्ग के बच्चों ने उठाया लाभ। सामान्य वर्ग से 29 फीसद अनुसूचित जाति से 10.50 फीसद व जनजाति से 1.20 फीसद बच्चों ने लिया लाभ।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 12:37 PM (IST)
बिहार के ग्रामीण इलाके के छात्रों ने शहरी क्षेत्र के लड़कों को छोड़ा पीछे, पिछड़ा वर्ग को सबसे ज्‍यादा लाभ
स्‍टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मिला लाभ। सांकेतिक तस्‍वीर

दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (Students Credit Card) का सबसे ज्यादा फायदा पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिल रहा है। 31 दिसंबर 2021 तक नीतीश सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से एक लाख 60 हजार 758 से भी ज्यादा बच्चे लाभ उठा चुके हैं। इनमें से 59.30 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के बच्चे उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं। वैसे सामान्य वर्ग के बच्चों का भी रुझान कम नहीं है। इस वर्ग से 29 प्रतिशत विद्यार्थियों ने लाभ उठाया है, जबकि अनुसूचित जाति के 10.50 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के 1.20 प्रतिशत बच्चों ने लाभ उठाया है।

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तकनीकी शिक्षा के लिए 63 फीसद युवाओं ने लिया लोन 

योजना के नोडल अफसर अरविंद सिन्हा के मुताबिक 2 अक्टूबर, 2016 को लागू  इस स्कीम से इंटर पास युवाओं को 4 लाख रुपये तक ऋण सुविधा दी जाती है। उच्च, व्यावसायिक, तकनीकी व चिकित्सा विषय के 42 पाठ्यक्रमों में ऋण का प्रविधान है। सर्वाधिक 63 प्रतिशत युवाओं ने तकनीकी शिक्षा के लिए ऋण लिया है। वोकेशनल कोर्स के लिए 13 प्रतिशत तथा सामान्य पाठ्यक्रम के लिए 24 प्रतिशत विद्यार्थियों ने ऋण का फायदा उठाया है। योजना का फायदा उठाने में ग्रामीण इलाके के युवा सबसे आगे हैं और 91.99 फीसद युवाओं ने ऋण लिया है, जबकि शहरी इलाके के 8.01 फीसद युवाओं ने इसका फायदा उठाया है। सामान्य वर्ग से 20 प्रतिशत छात्र व 9 प्रतिशत छात्राएं, पिछड़ा वर्ग से 42.20 प्रतिशत छात्र व 17.10 प्रतिशत छात्राएं,  अनुसूचित जाति से 6.30 प्रतिशत छात्र एवं 4.20 प्रतिशत छात्राएं, अनुसूचित जनजाति से 1.20 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने योजना का लाभ उठाया है। आवेदनों के सत्यापन की व्यवस्था अब मेधा टेक्नो कांसेप्ट प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी के जिम्मे है जो नामांकित बच्चों के संस्थाओं में जाकर सारे रिकार्ड का सत्यापन करती है। 

महत्वपूर्ण बातें

  • 2 लाख रुपये तक ऋण को अधिकतम 60 मासिक किश्त में तथा 2 लाख से ऊपर पर अधिकतम 84 मासिक किश्त में लौटाने का प्रविधान 
  • तय समय से पहले ऋण चुकाने पर 0.25 प्रतिशत ब्याज दर में छूट।
  • नियोजन नहीं होने या स्वरोजगार एवं अन्य साधनों से आय नहीं होने की स्थिति में ऋण की वसूली स्थगित
  • अगर किसी भी सूरत में शिक्षा ऋण की वापसी संभव नहीं हुई तो सरकार इसकी माफी पर भी विचार कर सकती है।

योजना का लाभ देने का यह है प्रविधान 

  • योजना का लाभ उसी छात्र-छात्रा को मिलेगा, जो बिहार का निवासी हो
  • राज्य के शिक्षण संस्थान व सीमावर्ती राज्यों के संस्थानों से 12वीं पास की हो
  • आवेदक की अधिकतम उम्र 25 साल हो, लेकिन स्नातकोत्तर के लिए 30 साल से ज्यादा नहीं 
  • बिहार या राज्य अथवा केंद्र सरकार से किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में नामांकित हो या नामांकन के लिए चयनित हो। 
  • सामान्य छात्र-छात्रा के लिए ऋण पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज दर  
  • दिव्यांग, बालिका और ट्रांसजेंडर के लिए ऋण पर ब्याज दर एक प्रतिशत

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