डिग्री मिलने पर विद्यार्थियों के खिले चेहरे
मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना का पांचवां दीक्षा समारोह
पटना। मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना का पांचवां दीक्षा समारोह रविवार को हज भवन स्थित मौलाना मजहरूल ऑडिटोरियम में हुआ। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने पीजी और फाजिल कोर्स में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 13 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया। डिग्री प्राप्त करने के लिए 350 से अधिक विद्यार्थी हॉल में उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि मौलाना मजहरूल हक के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा में गुणवत्ता लाए तथा राष्ट्र व समाज की सेवा के लिए छात्रों को प्रेरित करे। आगे बताया कि वे कथनी और करनी में निडर व बेबाक थे। हिदू और मुस्लिम दोनों एक ही नाव में सवार हैं। पार उतरेंगे तो दोनों और डूबेंगे तो दोनों। कहा कि सभागार गंगा-जमुनी तहजीब और रवायत का बेमिसाल मंजर पेश कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोवीसी प्रो. सैयद मोहम्मद रफीक आजम ने किया। मौके पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एजाज अली अरसद, पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरएस आर्या, सीनेट सदस्य शकील अहमद काकवी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. सैयद शौकत अली, विकास पदाधिकारी डॉ. मोहम्मद इनाम जफर आदि मौजूद थे। विशेष वाहन से जिलों में भेजी जाएगी उर्दू की किताबें
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय का भवन जल्द ही तैयार हो जाएगा। अगले साल से नए और आधुनिक सुविधाओं से लैस कैंपस में विद्यार्थियों को पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। जिलों में विशेष वाहन भेजकर पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित उर्दू की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए नई योजना कार्यान्वित हो रही है। -38 जिलों में है विश्वविद्यालय की पहुंच
कुलपति प्रो. खालिद मिर्जा ने कहा कि विश्वविद्यालय की पहुंच राज्य के सभी 38 जिलों में है। केआरसी के माध्यम से विद्यार्थियों को दूरस्थ शिक्षा के विपरीत क्लास रूम पठन-पाठन का लाभ दिया जा रहा है। स्नातकोत्तर में सीबीसीएस प्रणाली प्रभावी है। सत्र 2018-20 की परीक्षा सीबीसीएस प्रणाली से ही ली जा रही है। विश्वविद्यालय से 30 बीएड कॉलेज संबद्ध हैं। 2020 के एकेडमिक और परीक्षा कैलेंडर की तैयारी कर ली गई है। आधारभूत संरचना के अभाव में यूजीसी के अनुच्छेद 12बी में विश्वविद्यालय का पंजीकरण अब तक नहीं हो पाया है। इस कारण से रूसा के फंड से विश्वविद्यालय वंचित है। नैक एक्रिडेशन भी नहीं हो सका है। मीठापुर में कैंपस का निर्माण प्रगति पर है। अगले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इन्हें मिला गोल्ड मेडल
पीजी कोर्स के तहतएमबीए में अपराजिता आनंद, अरबी में मो. शमीम अकरम, अंग्रेजी में फैज खुर्शीद, उर्दू में यास्मीन खातून, इस्लामिक स्टडीज में जेबा बेनजीर, एमजेएमसी में मनींद्र कुमार तथा एजुकेशन में हिना यास्मीन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं, फाजिल कोर्स के हदीस में अहमद हुसैन (पूर्णिया), फेकाह में जाकिर हुसैन (पूर्वी चंपारण), अरबी में साद अहमद (शिवहर), फारसी में मो. अहमदुल्लाह (मधुबनी), उर्दू में मो. नुरुल हसन (मधुबनी) तथा इस्लामिक हिस्ट्री में मो. मसूद रजा (समस्तीपुर) का चयन गोल्ड मेडल के लिए किया गया है।