शुक्रवार को खुलेंगे प्रतिमाओं के पट, 26 को मूर्ति विसर्जन
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना भक्तों ने अपने घरों और मंदिरों में की। अब श्रद्धालु सप्तमी पर माता की प्रतिमाओं के पट खोलने और नवमी के दिन कन्या पूजन व हवन की तैयारी में जुट गए हैं। खास बात यह है कि इस बार नवरात्र की सभी नौ तिथियों को लेकर कोई संशय नहीं है। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार सभी तिथियां पूरे दिन और रात व्याप्त रहेंगी। इस तरह नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा। खबर पढ़कर जानिए कब खुलेंगे पट और कब होगा नवमी व्रत का पारण..
पटना। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना भक्तों ने अपने घरों और मंदिरों में की। सप्तमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं के पट खोलने की तैयारी अब शुरू हो गई है। वहीं ज्यादातर श्रद्धालु नवमी पर हवन और कन्या पूजन के लिए भी तैयारी में जुट गये हैं। दूसरी तरफ तिथियों में घट-बढ़ की वजह से इस बार अष्टमी, नवमी और दशमी को लेकर थोड़ा संशय हो गया है। हालांकि ज्यादातर ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि नवरात्र पूरे नौ दिन का रहेगा। नवरात्र के आखिरी दिन यानी नवमी को ही विजयादशमी भी मनाई जाएगी। प्रतिमाओं के पट शुक्रवार को खोले जाएंगे।
ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि नवरात्र की सप्तमी तिथि 22 अक्टूबर, दिन गुरुवार को दोपहर 1.18 बजे से आरंभ होकर 23 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार सप्तमी की पूजा शुक्रवार को ही होगी। इसी दिन मां की प्रतिमाओं का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु मां का दर्शन करेंगे। उन्होंने ऋषिकेश पंचांग के हवाले से बताया कि अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को दोपहर 12.10 बजे से आरंभ होकर 24 अक्टूबर, दिन शनिवार को सुबह 11.27 बजे तक रहेगी। नवमी तिथि 24 अक्टूबर को 11.28 बजे से शुरू होकर 25 अक्टूबर को 11.14 बजे तक है। अष्टमी और नवमी की पूजा भी उदया तिथि के मुताबिक क्रमश: शनिवार और रविवार को होगी। 25 अक्टूबर को दोपहर 11.14 बजे के बाद दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी जो 26 अक्टूबर को 11.33 बजे तक रहेगी। पीके युग के मुताबिक दशहरा 25 को मनाया जाएगा, जबकि उदया तिथि के अनुसार 26 अक्टूबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
सुबह 7.05 बजे के बाद खुलेगा पट : पंडित राकेश झा ने वाराणसी पंचांग के हवाले से बताया कि पट खुलने का मुहूर्त सप्तमी के दिन सुबह 6:54 के बाद है। वही मिथिला पंचांग के अनुसार सुबह 7.05 बजे के बाद पट खुलेगा। नवमी तिथि 25 अक्टूबर को दोपहर 11.14 बजे तक है। लेकिन उदयातिथि के मान के कारण पूरे दिन और रात नवमी रहेगी। 26 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद नवमी का पारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नवरात्र यानी नौ रात्रि। यह अवधि 25 अक्टूबर को पूरी हो रही है। उन्होंने बताया कि रविवार को देवी की विदाई नहीं होती है, इसलिए विजयादशमी का पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंडित ने कहा कि सभी तिथियों में उदयातिथि के मान से पूरे दिन-रात वही तिथि विद्यमान रहेगी, जिस तिथि में सूर्य उदय होगा।
अष्टमी तिथि - 24 अक्टूबर, शनिवार
महावीर पंचांग के अनुसार - दोपहर 12.42 बजे तक
मिथिला पंचांग के अनुसार - सुबह 11.38 बजे तक
नवमी तिथि - 25 अक्टूबर, रविवार
महावीर पंचांग के अनुसार - दोपहर 11.14 बजे तक
मिथिला पंचांग के अनुसार - दोपहर 11.25 बजे तक
दशमी तिथि - 26 अक्टूबर - सोमवार
महावीर पंचांग के अनुसार - सुबह 11.33 बजे तक
मिथिला पंचांग के मुताबिक - दोपहर 11.43 बजे तक