स्टॉक होल्डिंग को खतरा मान रहे हैं मुद्रांक विक्रेता
राज्य सरकार की ओर से प्रमुख निबंधन कार्यालयों में ई स्टांपिंग की सुविधा शुरू किए जाने का विरोध।
पटना । राज्य सरकार की ओर से प्रमुख निबंधन कार्यालयों में ई स्टांपिंग की सुविधा शुरू किए जाने से सूबे के स्टांप विक्रेताओं में अपने रोजगार के प्रति भय की स्थिति बन गई है। इनका कहना है कि स्टॉक होल्डिंग के माध्यम से बेचे जा रहे ई स्टांप के कारण वे बेरोजगारी के कगार पर पहुंच जाएंगे। स्टॉक होल्डिंग के खिलाफ रविवार को पूरे राज्य के मुद्रांक विक्रेताओं ने राजधानी में एकजुट होकर अपनी रोजी-रोटी को बचाने का संकल्प लिया। मौका था बिहार मुद्रांक विक्रेता संघ के द्वि-वार्षिक अधिवेशन का।
अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि मुद्रांक विक्रेताओं की मांगें जायज हैं और वे उनकी आवाज विधानसभा तक पहुंचाएंगे। इस मौके पर बिहार दस्तावेजनवीस संघ के महामंत्री उदय कुमार सिन्हा ने कहा कि दस्तावेजनवीस संघ मुद्रांक विक्रेताओं की मांगों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि बिहार के सारे दस्तावेजनवीस अब मुद्रांक विक्रेताओं से ही स्टांप लेंगे। स्टॉक होल्डिंग द्वारा बेचे जा रहे स्टांप का वे लोग भी विरोध करेंगे। श्री सिन्हा ने कहा कि दस्तावेजनवीस संघ हमेशा से मुद्रांक विक्रेता संघ को समर्थन देते आ रहा है और भविष्य में भी उनका समर्थन मिलते रहेगा। 11 वर्षो बाद हुए अधिवेशन में अपना विचार रखते हुए संघ के महासचिव महेन्द्र प्रसाद ने कहा कि स्टॉक होल्डिंग का वे लोग विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके द्वारा जो स्टांप बिक्री की जा रही है, उसका वे लोग विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों की तर्ज पर किसी भी स्टांप विक्रेता की आकस्मिक मौत होने पर उनके परिजन को अनुकंपा के आधार पर स्टांप बिक्री का लाइसेंस दिया जाए।
अधिवेशन के अंत में संघ का चुनाव हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से औरंगाबाद के रामदयाल सिंह को संघ का अध्यक्ष व गया के सुनील कुमार को महासचिव चुना गया। संघ के महासचिव महेन्द्र प्रसाद ने बढ़ती उम्र के कारण महासचिव का पद लेने से इनकार कर दिया। इस अधिवेशन में राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों के मुद्रांक विक्रेता उपस्थित थे।