Move to Jagran APP

बिहार: पटना पुलिस ने किया 66 लाख का घोटाला, SSP ने एेसे किया पर्दाफाश

पटना पुलिस की एसएसपी कार्यालय की लेखा शाखा में कर्मियों ने प्रकाशपर्व पर काम करने वाली एजेंसी को एक ही बिल पर दो बार 66 लाख का भुगतान कर दिया। इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 03:28 PM (IST)
बिहार: पटना पुलिस ने किया 66 लाख का घोटाला, SSP ने एेसे किया पर्दाफाश
बिहार: पटना पुलिस ने किया 66 लाख का घोटाला, SSP ने एेसे किया पर्दाफाश

पटना, जेएनएन। प्रकाशपर्व में पुलिस बल को सुविधा देने के नाम पर पटना पुलिस ने 66 लाख रुपये का घोटाला कर दिया। यह वित्तीय गड़बड़झाला एसएसपी कार्यालय की लेखा शाखा में किया गया। शाखा कर्मियों ने मिलीभगत कर प्रकाशपर्व पर काम करने वाली एजेंसी को एक ही बिल पर दो बार भुगतान कर दिया। हालांकि, जांच में मामला खुलने पर वित्तीय अनियमितता में संलिप्त तीनों फर्म पर दबाव बनाकर घोटाले की रकम वापस ले ली गई। 

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर गोपनीय की जांच कराई तो घोटाले की पुष्टि हुई। डीआइजी ने मंगलवार को इसमें संलिप्त एसएसपी लेखा शाखा के प्रधान लिपिक इंदू भूषण तिवारी, मुख्य लेखापाल सुरेश सिंह और तत्कालीन लेखापाल गुंजन विशाल को निलंबित कर दिया। मनु महाराज ने 20 दिसंबर को जोनल आइजी को गोपनीय पत्र में इस घोटाले की जानकारी दी थी। 

सभी साक्षर सिपाही निलंबित 

 डीआइजी राजेश कुमार ने बताया कि लेखा शाखा में उस समय एकाउंट का चार्ज लिए एएसपी से एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले की जांच राज्य सरकार की स्वतंत्र एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है। आइजी ने लेखा शाखा में सभी साक्षर सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

पहले फरवरी फिर जून 2018 में किया भुगतान

 प्रकाश पर्व के दौरान विभाग ने साज-सज्जा, इंटरनेट, फ्लैक्स, दूसरे जिले से आए जवानों रहने और खाने की व्यवस्था सहित अन्य काम के लिए तीन एजेंसी से करार किया था। एसएसपी की जांच में पता चला कि लेखा शाखा में वित्तीय वर्ष 2017-18 में मेसर्स सिमोन्स इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 24 लाख 18 हजार 528 रुपए और मेसर्स शंभू आर्ट्स को 21 लाख 05 हजार 162 रुपए के बिल के बदले फरवरी 2018 में भुगतान किया गया था।

पुन: वित्तीय वर्ष 2018-19 के जून माह में मेसर्स सिमोन्स को 24 लाख 18 हजार 528 रुपए और मेसर्स शंभू आर्ट्स को 21 लाख 05 हजार 162 रुपए का भुगतान कर दिया गया। इसी प्रकार ड्रीम प्लस मल्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी 20 लाख 55 हजार 787 रुपए का दोबारा भुगतान किया गया। सूत्रों की मानें इस मामले में तत्कालीन तीन डीएसपी और एएसपी पर भी गाज गिर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.