बिहार में सभी गाड़ियों में लगेगा स्पीड गवर्नर, दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम
बिहार में सभी गाडि़यों में स्पीड गर्वनर लगाया जायेगा। इससे सड़क दुर्घनओं में कमी आयेगी। इसकी शुरूआत कामर्शियल वाहनों से होगी।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 06 Apr 2018 12:25 PM (IST)Updated: Fri, 06 Apr 2018 11:28 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार में सभी गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगेगा। पहले कमर्शियल गाड़ियों में इसे लगाया जायेगा। उसके बाद अन्य गाडि़यों में। इससे सड़क दुर्घनाओं में कमी आयेगी। यह जानकारी विभागीय मंत्री संतोष निराला ने परिवहन विभाग की कार्यशाला में दी।
स्पीड गर्वनर लगने के बाद सूबे में बेलगाम रफ्तार वाले वाहनों की गति अब नियंत्रित होगी। सड़क हादसों में कमी आएगी और अपराधियों को बेधड़क भाग निकलने में दुश्वारियां पेश आएंगी। व्यवस्था प्रभावी होने के बाद से स्पीड-गवर्नर डिवाइस नहीं लगाने वाले वाहन-मालिकों से शासन सख्ती से पेश आएगा।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन विभाग ने कमर कस ली है। उसी कड़ी में स्पीड-गवर्नर की व्यवस्था प्रस्तावित है। बस, ट्रक, डंफर, ट्रैक्टर आदि में तय मानक के मुताबिक स्पीड-गवर्नर लगाना होगा। ये वाहन प्रति घंटा 40 से 80 किमी से ज्यादा की गति से नहीं दौड़ सकेंगे। इससे हादसों पर अंकुश लगेगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 28 फीसद सड़क हादसे ट्रकों और बसों की तेज गति के कारण होते हैं।
बिहार होगा छठा राज्य स्पीड-गर्वनर की व्यवस्था सुनिश्चत करने वाला बिहार देश में छठा राज्य होगा। वर्तमान में राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों ने अपने यहां वाहनों में स्पीड-गवर्नर को अनिवार्य बना रखा है।
अनुशासनात्मक-दंडात्मक कार्रवाई
पूर्व में पंजीकृत वाहनों को फिटनेस भी तभी दी जाएगी जब उनमें स्पीड-गवर्नर लगे होने की पुष्टि हो जाएगी। शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और वाहन मालिकों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
स्पीड गर्वनर लगने के बाद सूबे में बेलगाम रफ्तार वाले वाहनों की गति अब नियंत्रित होगी। सड़क हादसों में कमी आएगी और अपराधियों को बेधड़क भाग निकलने में दुश्वारियां पेश आएंगी। व्यवस्था प्रभावी होने के बाद से स्पीड-गवर्नर डिवाइस नहीं लगाने वाले वाहन-मालिकों से शासन सख्ती से पेश आएगा।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन विभाग ने कमर कस ली है। उसी कड़ी में स्पीड-गवर्नर की व्यवस्था प्रस्तावित है। बस, ट्रक, डंफर, ट्रैक्टर आदि में तय मानक के मुताबिक स्पीड-गवर्नर लगाना होगा। ये वाहन प्रति घंटा 40 से 80 किमी से ज्यादा की गति से नहीं दौड़ सकेंगे। इससे हादसों पर अंकुश लगेगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 28 फीसद सड़क हादसे ट्रकों और बसों की तेज गति के कारण होते हैं।
बिहार होगा छठा राज्य स्पीड-गर्वनर की व्यवस्था सुनिश्चत करने वाला बिहार देश में छठा राज्य होगा। वर्तमान में राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों ने अपने यहां वाहनों में स्पीड-गवर्नर को अनिवार्य बना रखा है।
अनुशासनात्मक-दंडात्मक कार्रवाई
पूर्व में पंजीकृत वाहनों को फिटनेस भी तभी दी जाएगी जब उनमें स्पीड-गवर्नर लगे होने की पुष्टि हो जाएगी। शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और वाहन मालिकों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
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