शेयर बाजार पर बनी वेब सिरीज ने बना दिया घोटालेबाज! बक्सर का युवा बैंक मैनेजर अब सलाखों के पीछे
Bihar Crime बैंक मैनेजर के संपर्क में रहे लोगों की मानें तो शेयर से मुनाफा कमाने की चाह ने ही उसे घोटालेबाज बना दिया। ट्रेडिंग में कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की चाह में यह शख्स अपना सारा पैसा गंवा बैठा और तब घोटाले में हाथ डाला।
बक्सर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी ने शेयर बाजार का बड़ा खूबसूरत चेहरा निवेशकों को दिखाया, इस ओर बढ़कर साल भर में ही लोगों ने अपनी दौलत को पांच से सात गुना तक भी कर लिया। लेकिन ज्यादा कमाने के लोभ में कई लोग बर्बाद भी हुए हैं। ऐसी ही कहानी पटना के रहने वाले युवा बैंक मैनेजर की है, जो अब घोटाले के आरोप में जेल पहुंच चुका है। बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड के एक गांव आशा पड़री में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रवि की कहानी ऐसी ही है। बैंक मैनेजर के संपर्क में रहे लोगों की मानें तो शेयर से मुनाफा कमाने की चाह ने ही उसे घोटालेबाज बना दिया। ट्रेडिंग में कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की चाह में यह शख्स अपना सारा पैसा गंवा बैठा और तब घोटाले में हाथ डाला।
केवल पांच साल की नौकरी में जेल तक की सैर
महज पांच साल से दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में नौकरी कर रहे आशापडऱी के घोटालेबाज निवर्तमान शाखा प्रबंधक रवि की कहानी वैसे लोगों के लिए बहुत बड़ी सीख है, जो रातों रात करोड़पति बनने के चक्कर में शेयर मार्केट की लत लगा लेते हैं। एक साल से शेयर मार्केट ट्रेडिंग में पैसे लगाने की बुरी लत उस पराकाष्ठा को पार कर गई कि महज एक वर्ष में प्रबंधक अपनी सारी बचत गवां बैठा और जमाकर्ताओं के पैसे पर हाथ फेरने लगा। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। करीब दो करोड़ रुपए के घोटाले में बैंक मैनेजर से पूछताछ और अनुसंधान के क्रम में मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।
दिसंबर 2015 में हुई बैंक कॅरियर की शुरुआत
जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2015 में रविशंकर ने प्रतियोगी परीक्षा पास कर बैंक में कैरियर की शुरुआत की थी। उसके करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार रविशंकर ने पहले शेयर बाजार में छोटी रकम का निवेश किया और उसे फायदा हुआ। इसके बाद मोटी आमदनी का चस्का लगा और इसी में पैसे डूबने लगे।
हर्षद मेहता पर बनी वेब सिरीज ने बढ़ाया लोभ
कुछ लोग बताते हैं कि पिछले साल ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रीलिज हुई हर्षद मेहता पर बनी सिरीज 'द बिग बुल' का उसपर काफी असर था। हालांकि, वह यह भूल गया कि फ्रॉड करने में हर्षद मेहता का भी बाकी जीवन जेल में बीता था। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक सहयोगी ने बताया कि शेयर मार्केट में लगातार फायदा मिलते देख रविशंकर की लालच बढ़ती गई और अधिक से अधिक पैसे लगाने लगा।
डूब चुके पैसे निकालने के चक्कर में फंसता गया दलदल में
इसी चक्कर में एक बारगी उसे जबरदस्त नुकसान हुआ और अब तक लगाया सारा पैसा डूब गया। उन पैसों को निकालने के लिए कुछ दोस्तों से उधार लेकर इस सोच के साथ पैसा लगाया कि उधार के पैसों के साथ उसके डूबे हुए पैसे भी निकल जाएंगे। पर लगातार उल्टा ही दांव लगता गया और शेयर मार्केट की दलदल में रविशंकर फंसता चला गया।