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Bihar News: विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला शुरू, 'जल, जीवन और हरियाली' है थीम

विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला का उद्घाटन रविवार की देर शाम उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया। उनके साथ कई मंत्री भी रहे मौजूद। इस बार मेले की थीम जल जीवन और हरियाली है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:26 AM (IST)
Bihar News: विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला शुरू, 'जल, जीवन और हरियाली' है थीम
Bihar News: विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला शुरू, 'जल, जीवन और हरियाली' है थीम

वैशाली [जेएनएन]। विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला (हरिहर क्षेत्र मेला) रविवार को विधिवत शुरू हो गया। इसका उद्घाटन देर शाम उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया। पर्यटन विभाग के मुख्य सांस्कृतिक पंडाल में उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया था। मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगलवार पांडेय समेत अनेक लोग मौजूद रहे। इस बार सोनपुर मेले की थीम 'जल, जीवन और हरियाली' है। उद्घाटन स्थल पर्यटन विभाग के मुख्य सांस्कृतिक पंडाल को भव्‍य तरीके से सजाया गया है।

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दीप जलाकर किया उद्घाटन 

रविवार को ऐतिहासिक हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के उद्घाटन समारोह के ऐतिहासिक क्षण का गवाह कई दिग्गज बने। पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सांस्कृतिक पंडाल में आयोजित समारोह में उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेला का शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला बिहार की धरोहर है। इसके गौरव और मान-सम्मान को बरकरार रखते हुए इसके विकास के लिए सरकार के स्तर पर हर संभव उपाय किए जाएंगे।

उन्‍होंने कहा कि मेले का स्वरूप बदल रहा है। समय और जमाने के साथ सामाजिक परिस्तिथियां भी बदल गई हैं। अब पशुओं पर निर्भरता कम हो गई है, किसान खेतीबारी में ट्रैक्टर का प्रयोग करने लगे हैं। परिणाम स्वरूप मेले में पशुओं की आवक कम हो गयी। इस मेले के लिए सबसे सकारात्मक पक्ष यह है कि लगातर यहां खरीद-बिक्री के लिए लाये जाने वाले घोड़ों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इस बार भी अब तक दो हजार घोड़े इस मेले में आ चुके हैं। ज्यादा संभावना है कि आगे चल कर यह घोड़े के मेले के रूप में परिवर्तित हो जाए। 

मोदी ने कहा कि मेले के विकास के लिए आपका सुझाव हमारे लिए मार्गदर्शन का काम करेगा। झारखंड बंटवारे के बाद लोगों ने यह कहा कि बिहार में बचा क्या- बालू और रेत। कल-कारखाने सब झारखंड में चले गए। किन्तु बिहार के लिए यह गर्व की बात है कि बुद्ध, महावीर, गुरुगोविंद सिंह की तपोभूमि एवं जन्मभूमि के साथ साथ हरिहरक्षेत्र सोनपुर जैसा मेला भी बिहार के लिए गौरव की बात है। हमारे राज्य में हरिहरनाथ का वह मंदिर है जहां भगवान हरि और हर एक साथ विराजते हैं। हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले के मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। 

ये सब बने उद्घाटन का गवाह

इसके पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, समाज कल्याण मंत्री राम सेवक सिंह व सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी तथा महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के अलावा सोनपुर के विधायक  व उद्घाटन के स्वागताध्यक्ष डॉ. रामानुज प्रसाद ने भी समारोह को सम्बोधित किया। स्वागत भाषण सारण के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने किया।

गुलजार होने लगा पशु बाजार 

विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र की एक खास पहचान यहां आने वाले पशुओं से भी रही है। यहां आने वाले पशुओं की संख्या को देखकर ही अंग्रेजों ने इसे एशिया के सबसे बड़े पशु मेला का खिताब दिया था। भले ही अब मेले में पहले की तुलना में काफी कम संख्या में पशु आते हैं, लेकिन जितने भी आते हैं, वे यहां आने वाले दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं। सोनपुर मेला में एक सप्ताह पहले से घोड़ों का आना शुरू हो गया है। 30 हजार से ढाई लाख तक के घोड़े बिकने के लिए आए हैं।  

हरि और हर की है यह भूमि 

हरि व हर की पावन भूमि पर यह मेला लगता है। धार्मिक आख्यान है कि गज और ग्राह के बीच हुए युद्ध में गज की पुकार पर यहां भगवान श्रीहरि पधारे थे। ग्राह का वध कर हरि ने अपने भक्त गज की रक्षा की थी। हरि के हाथों मरकर जहां ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हो गई थी वहीं गज को नया जीवन मिला था। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा-गंडक में पवित्र स्नान के लिए पहुंचते हैं। 


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